
कैबिनेट की बैठक में बुधवार को देश के बुनियादी ढांचे, धार्मिक पर्यटन और किसानों के कल्याण से जुड़े तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये फैसले यात्रा सुविधाओं को बेहतर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे. कैबिनेट ने केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है, जो सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक बनेगा. यह परियोजना चारधाम यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव, केदारनाथ धाम तक पहुंचने को आसान बनाएगी. यह रोपवे पर्वतमाला परियोजना का हिस्सा है.
अभी सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक की यात्रा में नौ घंटे का समय लगता है, लेकिन रोपवे बनने के बाद यह सफर सिर्फ 36 मिनट में पूरा हो जाएगा. वर्तमान में यह यात्रा सिर्फ दो महीने के लिए होती है, लेकिन रोपवे बनने के बाद इसे 6 महीने तक बढ़ा सकते हैं. इससे श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
कैबिनेट ने हेमकुंड साहिब के लिए बड़ा कदम उठाया है. वर्तमान में हेमकुंड साहिब में 4 से 5 घंटे ही दर्शन हो पाते हैं, लेकिन इस विकास योजना के तहत दर्शन की सुविधा बढ़ाकर 10 घंटे तक हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे यात्रियों को अधिक समय मिलेगा, जिससे वे आराम से दर्शन कर सकेंगे. नई सुविधाओं से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. हेमकुंड साहिब सिखों के लिए एक पवित्र स्थल है, जहां गुरु गोविंद सिंह जी ने तपस्या की थी. इसके अलावा, मान्यता है कि भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने भी यहां ध्यान लगाया था.
इसके अलावा किसानों के लिए पशुधन स्वास्थ्य योजना को हरी झंडी दिखाई गई है. सरकार ने किसानों के लिए लाइवस्टॉक हेल्थ पीएसआर योजना को मंजूरी दी है, जिससे पशुओं की देखभाल और बीमारियों की रोकथाम को प्राथमिकता दी जाएगी. एफएमडी (फुट एंड माउथ डिजीज) और अन्य जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के लिए एक व्यापक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. योजना के तहत वैक्सीनेशन, मोबाइल पशु चिकित्सा केंद्र (मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स) और भारत पशुधन मॉनिटरिंग सिस्टम की शुरुआत होगी. जनरल मेडिसिन के लिए "पशु औषधि योजना" लागू की जाएगी, जिससे किसानों को सस्ती और प्रभावी दवाएं मिलेंगी.
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