अधिकतर Exit Poll सर्वेक्षणों में BJP की अगुवाई वाली NDA को लोकसभा चुनाव में 350 से ज्यादा सीटें मिलने की संभावना को देखते हुए प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए 100 दिन का एजेंडा तय करने पर आज से ही काम शुरू दिया. प्रधानमंत्री ने देश में चल रही गर्मी की स्थिति और मानसून की शुरुआत की तैयारियों की समीक्षा की.
कैसा रहेगा मानसून? पीएम को बताया गया
प्रधानमंत्री ने आज सुबह 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर देश में चल रही गर्मी की स्थिति और मानसून की शुरुआत की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग (IMD)के पूर्वानुमान के अनुसार, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में गर्मी की लहर जारी रहने की संभावना है. इस वर्ष, देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून सामान्य और सामान्य से ऊपर और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम रहने की संभावना है.
इसके बाद प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि आग की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए उचित अभ्यास नियमित आधार पर किया जाना चाहिए. अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों का अग्नि ऑडिट और विद्युत सुरक्षा ऑडिट नियमित रूप से किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जंगलों में फायर-लाइन के रखरखाव और बायोमास के उत्पादक उपयोग के लिए नियमित अभ्यास की योजना बनाई जानी चाहिए. पिछले कुछ हफ्तों के दौरान देश के विभिन्न इलाकों में आग लगने की कई बड़ी घटनाएं सामने आई हैं. 25 मई को दिल्ली के बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में लगी भीषण आग में सात बच्चों की मौत हो गई. राजकोट के गेमिंग जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई. प्रधानमंत्री को जंगल की आग की समय पर पहचान और उसके प्रबंधन में "वन अग्नि" पोर्टल की उपयोगिता के बारे में बताया गया.
रेमल से हुए नुकसान का आकलन हुआ
लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री आज कई बैठकें करने वाले हैं. इसी क्रम में यह पहली बैठक थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उच्च स्तरीय बैठक में पूर्वोत्तर के राज्यों में चक्रवाती तूफान रेमल के बाद की स्थिति की समीक्षा की. पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में से चार में चक्रवाती तूफान रेमल के बाद हुई बारिश और भूस्खलन के कारण कम से कम 36 लोगों की जान चली गई है. मिजोरम में सबसे ज्यादा 27 लोगों की मौत हुई है. इसमें अकेले आइजॉल जिले में एक खदान धंसने से 21 लोगों की जान चली गई. नागालैंड में चार, असम में तीन और मेघालय में दो लोगों की मौत की सूचना है. तेज हवाओं के साथ हुई बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ, पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये, तथा बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवाएं बाधित हुईं. बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव के साथ-साथ पीएमओ और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
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