नई दिल्ली:
पठानकोट आतंकी हमले की जांच कर रही एनआईए अब इस मुद्दे पर गौर कर रही है कि पाकिस्तान से आए आतंकियों को यहां किसने मदद और पनाह दी? क्योंकि ये लग रहा है कि आतंकी हमले से बहुत पहले यहां आ गए थे। उन्होंने अपने साथ जो इतने हथियार और साजो-सामान लाए थे, ऐसा करना बिना मदद के मुमकिन नहीं था।
एनआईए ने की एयरबेस से रिकवरी
पठानकोट हमले के हफ्ते भर बाद वहां दूरबीन, एके-47 की मैगजीन और सेलफोन जैसी चीजें बरामद हुईं। एनआईए के 10 लोगों की टीम पूरी छानबीन में लगी हुई है। अब सारा जोर ये पता लगाने पर है कि इस आतंकी कार्रवाई में किन लोगों ने अंदरूनी मदद की।
आतंकियों के पास इतने हथियार कहां से आए?
कहा जा रहा है कि आतंकी 30-31 दिसंबर की रात ही आ गए थे और 1 जनवरी को वे एयरबेस पहुंच गए थे।
एजेंसी ये जानने में लगी है कि हमले के 20 घंटे तक वे कहां रहे। आतंकियों ने सात से आठ कॉल पाकिस्तान में किए, जिनमें से तीन इंटरसेप्ट किए गए। एक फोन कॉल तो कार्रवाई के दौरान का ही था। एक कॉल में ये ब्योरा मिल रहा है कि वे कहां से और कब भीतर आए। सबसे अहम सवाल है कि इतने सारे हथियार उनके पास कहां से आए, क्योंकि पांच या छह लोग मोर्टार और राइफलों सहित इतना सारा हथियार अकेले नहीं ढो सकते।
एनआईए करेगी मदनगोपाल और सलविंदर से पूछताछ
दिल्ली में एनआईए की एक टीम गुरदासपुर से लाए गए एसपी सलविंदर सिंह से सोमवार को पूछताछ करती रही। उनके रसोइए मदनगोपाल को भी दिल्ली लाकर उससे पूछताछ की जानी है।
इस बीच सरकार ने पाकिस्तान द्वारा पठानकोट की जांच के लिए अपनी एजेंसियों की साझा टीम बनाने का स्वागत किया है, लेकिन कहा है कि नतीजों पर उसकी नज़र रहेगी। इधर कांग्रेस ये सवाल उठा रही है कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सबूत सार्वजनिक क्यों नहीं करती।
इस बीच ये खबर भी चल पड़ी कि पाकिस्तान के साथ विदेश सचिवों की बातचीत रद्द हो गई है, लेकिन सरकारी सूत्रों ने इसे गलत बताया। हालांकि ये इशारा जरूर किया कि जब भी बात होगी, अब पाकिस्तान में होगी।
एनआईए ने की एयरबेस से रिकवरी
पठानकोट हमले के हफ्ते भर बाद वहां दूरबीन, एके-47 की मैगजीन और सेलफोन जैसी चीजें बरामद हुईं। एनआईए के 10 लोगों की टीम पूरी छानबीन में लगी हुई है। अब सारा जोर ये पता लगाने पर है कि इस आतंकी कार्रवाई में किन लोगों ने अंदरूनी मदद की।
आतंकियों के पास इतने हथियार कहां से आए?
कहा जा रहा है कि आतंकी 30-31 दिसंबर की रात ही आ गए थे और 1 जनवरी को वे एयरबेस पहुंच गए थे।
एजेंसी ये जानने में लगी है कि हमले के 20 घंटे तक वे कहां रहे। आतंकियों ने सात से आठ कॉल पाकिस्तान में किए, जिनमें से तीन इंटरसेप्ट किए गए। एक फोन कॉल तो कार्रवाई के दौरान का ही था। एक कॉल में ये ब्योरा मिल रहा है कि वे कहां से और कब भीतर आए। सबसे अहम सवाल है कि इतने सारे हथियार उनके पास कहां से आए, क्योंकि पांच या छह लोग मोर्टार और राइफलों सहित इतना सारा हथियार अकेले नहीं ढो सकते।
एनआईए करेगी मदनगोपाल और सलविंदर से पूछताछ
दिल्ली में एनआईए की एक टीम गुरदासपुर से लाए गए एसपी सलविंदर सिंह से सोमवार को पूछताछ करती रही। उनके रसोइए मदनगोपाल को भी दिल्ली लाकर उससे पूछताछ की जानी है।
इस बीच सरकार ने पाकिस्तान द्वारा पठानकोट की जांच के लिए अपनी एजेंसियों की साझा टीम बनाने का स्वागत किया है, लेकिन कहा है कि नतीजों पर उसकी नज़र रहेगी। इधर कांग्रेस ये सवाल उठा रही है कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सबूत सार्वजनिक क्यों नहीं करती।
इस बीच ये खबर भी चल पड़ी कि पाकिस्तान के साथ विदेश सचिवों की बातचीत रद्द हो गई है, लेकिन सरकारी सूत्रों ने इसे गलत बताया। हालांकि ये इशारा जरूर किया कि जब भी बात होगी, अब पाकिस्तान में होगी।
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