भीड़ के हमले, सरकार ने Whatsapp को सनसनीखेज संदेशों को रोकने का आदेश दिया

देश के विभिन्न राज्यों में बच्चा चोरी की अफवाह की वजह से करीब एक दर्जन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई

भीड़ के हमले, सरकार ने Whatsapp को सनसनीखेज संदेशों को रोकने का आदेश दिया

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • सरकार व्हाट्सएप, फेसबुक के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाएगी
  • व्हाट्सऐप से गैर जिम्मेदाराना और विस्फोटक संदेशों को रोकने के लिए कहा
  • फेसबुक अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी से बच नहीं सकता
नई दिल्ली:

सरकार ‘बच्चा चोरों’ के बारे में झूठी खबरें और फर्जी वीडियो के प्रसार पर रोक लगाने के लिए फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद लेने की योजना बना रही है. बच्चा चोरी की अफवाह की वजह से करीब एक दर्जन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. गृह मंत्रालय सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाएगा.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चा चोर होने के संदेह में लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की हालिया घटनाओं ने सबको चिंतित किया है और बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. 16 जून को गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी बैठक में सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों को बुलाने का फैसला किया गया. इस बैठक में झूठी सूचना और फर्जी वीडियो के प्रसार पर विस्तृत चर्चा की गई.

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अधिकारी ने बताया कि बैठक में आतंकवादी संगठन द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर चर्चा की गई और उन्हें ऐसा करने से रोकने पर विमर्श किया गया. साथ ही अश्लील सामग्री पर भी चर्चा की गई.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की तारीख जल्द तय की जाएगी.
उधर, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ‘गैर जिम्मेदाराना और विस्फोटक संदेशों’ को रोकने का आज व्हाट्सऐप को आदेश दिया.

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एमईआईटीवाई ने ऐसे मंच से इन गैर जिम्मेदाराना संदेशों और उनके प्रसार का कड़ा संज्ञान लिया है. ऐसे घटनाक्रम पर व्हाट्सएप के वरिष्ठ प्रबंधन को गहरी नाराजगी जाहिर की है और उन्हें सलाह दी गई है कि इन फर्जी और सनसनीखेज संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.

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बयान के मुताबिक, फेसबुक की मिल्कियत वाली कंपनी अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है.
मंत्रालय ने असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में हत्याओं को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. ऐसी भड़काऊ सामग्री के प्रसार के लिए व्हाट्सएप जैसे मंच का दुरूपयोग गहरी चिंता की बात है.
(इनपुट भाषा से)


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