
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) कार्यकर्ताओं ने शनिवार को निवेशक सुशील केडिया के दफ्तर में तोड़फोड़ की. तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की. निवेशक सुशील केडिया ने राज ठाकरे को एक पोस्ट में टैग करते हुए लिखा, मैं मराठी नहीं सीखूंगा. इस पोस्ट के बाद से उन्हें धमकियां मिल रही थी. केडिया ने ‘एक्स' पर लिखा था, “मैं मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोग मराठी मानुस की देखभाल करने का दिखावा करते रहेंगे तब तक मैं मराठी नहीं सीखूंगा. क्या करना है बोल?”
🔴#BREAKING : MNS कार्यकर्ताओं ने सुशील केडिया के ऑफिस में की तोड़फोड़
— NDTV India (@ndtvindia) July 5, 2025
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Do note @RajThackeray I dont know Marathi properly even after living for 30 years in Mumbai & with your gross misconduct I ahve made it a resolve that until such people as you are allowed to pretend to be taking care of Marathi Manus I take pratigya I wont learn Marathi. Kya…
— Sushil Kedia (@sushilkedia) July 3, 2025
"केडिया ने मांगी माफी"
दफ्तर में मनसे कार्यकर्ताओं की तोड़फोड़ के कुछ ही देर बाद निवेशक सुशील केडिया ने एक वीडियो पोस्ट कर मांफी भी मांगी. बता दें कि निवेशक सुशील केडिया के राज ठाकरे को लेकर किए गए पोस्ट को लेकर मनसे के नेता संदीप देशपांडे ने केडिया को जवाब देते कहा था, 'अगर आप व्यवसायी हैं तो व्यवसाय करें; हमारे पिता की तरह व्यवहार करने की कोशिश न करें. अगर महाराष्ट्र में मराठी का अपमान किया तो आपके मुंह पर तमाचा पड़ेगा. अपनी हद में रहें.”
देशपांडे के पोस्ट के बाद केडिया ने पुलिस से संपर्क किया था और दावा किया कि उन्हें अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए धमकियां मिल रही हैं. केडिया ने अपने पोस्ट में मुंबई पुलिस को टैग किया था, जिसके बाद पुलिस ने उनसे संपर्क किया था. केडिया ने शुक्रवार को ‘एक्स' पर एक और पोस्ट करते हुए कहा था, राज ठाकरे, आपके सैकड़ों कार्यकर्ताओं भले ही मुझे धमकाते रहें, तब भी मैं धाराप्रवाह मराठी नहीं बोल पाउंगा. बात समझिए, धमकी नहीं, प्यार लोगों को एक साथ लाता है.
"मराठी नहीं बोलेंगे, विदेश जाओ"
एनसीपी के वरिष्ठ नेता, मंत्री मंत्री छगन भुजबल ने उद्योगपति सुशील केडिया के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ये ठीक बात नहीं है कि वे मराठी नहीं बोलेंगे. जो लोग कहते हैं कि वे मराठी नहीं बोलेंगे, वे विदेश जाकर अंग्रेजी बोलते हैं.
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