तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) प्रमुख एमके स्टालिन ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस के पक्ष में समर्थन का संकेत दिया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाये जाने की कुछ लोगों की दलीलों को खारिज कर दिया जाना चाहिए. स्टालिन ने अपने जन्मदिन के मौके पर किए गए संबोधन में कहा कि चुनाव-बाद गठबंधन और तीसरे मोर्चे के प्रस्ताव विचारणीय नहीं हैं. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव इसे लेकर नहीं होंगे कि सरकार किसे बनानी चाहिए, बल्कि इसे ध्यान में रखकर होंगे कि सत्ता पर किसका नियंत्रण ‘नहीं' होना चाहिए.
स्टालिन ने कहा, “भाजपा को राजनीतिक रूप से हराना होगा और सभी विपक्षी दलों का यह एक अकेला लक्ष्य होना चाहिए.”
विपक्षी दलों में एकजुटता की भावना की वकालत करते हुए द्रमुक प्रमुख ने कहा कि इसी से आम चुनाव में जीत मिलेगी. उन्होंने कहा, “अगर राष्ट्रीय राजनीति राज्य आधारित राजनीतिक मतभेदों के आधार पर तय की जाएगी, तो इससे हमें ही नुकसान होगा।.”
उन्होंने यह टिप्पणी राज्यों की राजनीतिक वास्तविकताओं के संदर्भ में की है, जिस वजह से भाजपा का मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले दल एक साथ आने से बचते हैं. स्टालिन ने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने गैर-कांग्रेसी मोर्चे के गठन के पक्ष में दलीलें दी हैं, जिन्हें खारिज किया जाना चाहिए और संसदीय चुनाव में चुनाव-बाद का गठबंधन व्यावहारिक नहीं है.
उन्होंने अपने 70वें जन्मदिन के मौके पर कहा, “राजनीतिक दलों को अपने मतभेदों से ऊपर उठकर लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एकजुट ताकत के रूप में खड़ा होना चाहिए. तीसरे मोर्चे की बात बेमानी है. मैं भाजपा का विरोध करने वाले सभी दलों से इस बात को समझने का अनुरोध करता हूं.”
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