
इस दौरे में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति बनाएंगे. (फाइल फोटो)
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राज्यों को चुनावी महत्व के हिसाब से तीन श्रेणियों में बांटा गया है- शाह
दौरे में संगठन की शक्ति का जायजा लेने पर ध्यान केंद्रित होगा- अमित शाह
अमित शाह ने संगठन में फेरबदल पर भी संकेत दिए.
जम्मू के अपने दौरे से एक दिन पहले शाह ने संवाददाताओं से कहा कि वह चुनावी महत्व के हिसाब से एक से तीन दिनों तक राज्यों में समय बिताएंगे. राज्यों को चुनावी महत्व के हिसाब से तीन श्रेणियों में बांटा गया है.
उन्होंने कहा, 2014 में हम जिन स्थानों पर हारे थे, वहां के लिए हमने 120 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. मेरे दौरे में हमारे संगठन की शक्ति का जायजा लेने पर ध्यान केंद्रित होगा और पूरे देश में विचारधारा और चुनावी अपील के विस्तार पर ध्यान दिया जाएगा. शाह मुख्य तौर पर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर ध्यान दे रहे हैं, जहां तीन दिन बिताने के बाद वह कल रात लौटे हैं. भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनावों में ओडिशा, तेलंगाना, केरल और पश्चिम बंगाल में 102 में से महज चार सीटों पर जीत दर्ज की थी.
उन्होंने संगठन में फेरबदल पर भी संकेत दिए, क्योंकि कई पदाधिकारी उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री बन चुके हैं.
भाजपा के कुछ सहयोगियों में भगवा दल के विस्तार की योजना पर चिंता जताने की खबर को शाह ने तवज्जो नहीं दी और कहा कि हर जगह संगठन का विस्तार करना उनका काम है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य जिन 120 सीटों के लिए है, उनमें राजग के सहयोगी दलों की सीट शामिल नहीं होगी.
पार्टी ने चुनावी महत्व के हिसाब से राज्यों को ए, बी और सी श्रेणी में बांट दिया है और वह वहां क्रमश: तीन, दो और एक दिन व्यतीत करेंगे. जनसंघ के विचारक दीन दयाल उपाध्याय की 101वीं जयंती पर 25 सितम्बर को उनकी यात्रा समाप्त होगी. (इनपुट भाषा से)
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