भारतीय वायुसेना के अभ्यास का फाइल फोटो।
नई दिल्ली:
राजस्थान के जैसलमेर के पोखरण में शुक्रवार को भारतीय वायुसेना अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास आयरन फिस्ट करने जा रही है। इस युद्धाभ्यास का मोटो है " सबक सिखाने की क्षमता का प्रदर्शन "।
शाम 5 से रात 8 बजे तक फायरिंग रेंज में अभ्यास
शाम पांच बजे से लेकर रात आठ बजे तक एशिया की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज पोखरण के रेगिस्तान में इसको अंजाम दिया जाएगा। इस अभ्यास में अलग-अलग तरह के 181 विमान हिस्सा लेंगे जिसमें 103 लड़ाकू विमान, 17 ट्रांसपोर्ट विमान व 59 हेलीकॉप्टर होंगे। लड़ाकू विमानों में सुखोई -30 , मिग-29, मिराज -2000, एलसीए तेजस, परिवहन विमान में सी-130, सी-17 और हेलीकॉप्टर में पहली लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर फायरिंग करेंगे। युद्धाभ्यास के दौरान स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस का फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस यहां ही होना है। वारगेम के दौरान हर तरह के परीक्षण के बाद फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस होगा। इसके बाद इसे वायुसेना में शामिल किया जाएगा। हाल में तेजस ने बहरीन में हुए इंटरनेशनल एयर शो में अपनी हवाई ताकत से सबको रूबरू कराया था।
50 देशों के राजनयिक आएंगे
वायुसेना की ताकत को देखने के लिए 50 से अधिक देशों के राजनयिक पोखरण पहुंच रहे हैं लेकिन चीन और पाकिस्तान को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया है। 18 मार्च को होने वाले इस अभ्यास को देखने तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोखरण जाएंगे। ऐसा अभ्यास तीन साल पहले पोखरण में ही वायुसेना ने किया था।
शाम 5 से रात 8 बजे तक फायरिंग रेंज में अभ्यास
शाम पांच बजे से लेकर रात आठ बजे तक एशिया की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज पोखरण के रेगिस्तान में इसको अंजाम दिया जाएगा। इस अभ्यास में अलग-अलग तरह के 181 विमान हिस्सा लेंगे जिसमें 103 लड़ाकू विमान, 17 ट्रांसपोर्ट विमान व 59 हेलीकॉप्टर होंगे। लड़ाकू विमानों में सुखोई -30 , मिग-29, मिराज -2000, एलसीए तेजस, परिवहन विमान में सी-130, सी-17 और हेलीकॉप्टर में पहली लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर फायरिंग करेंगे। युद्धाभ्यास के दौरान स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस का फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस यहां ही होना है। वारगेम के दौरान हर तरह के परीक्षण के बाद फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस होगा। इसके बाद इसे वायुसेना में शामिल किया जाएगा। हाल में तेजस ने बहरीन में हुए इंटरनेशनल एयर शो में अपनी हवाई ताकत से सबको रूबरू कराया था।
50 देशों के राजनयिक आएंगे
वायुसेना की ताकत को देखने के लिए 50 से अधिक देशों के राजनयिक पोखरण पहुंच रहे हैं लेकिन चीन और पाकिस्तान को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया है। 18 मार्च को होने वाले इस अभ्यास को देखने तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोखरण जाएंगे। ऐसा अभ्यास तीन साल पहले पोखरण में ही वायुसेना ने किया था।
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