रायपुर:
छत्तीसगढ़ में कोरसागुडा एवं सरकेगुडा गांव के लोग 28 जून को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) एवं संदिग्ध नक्सलियों के बीच मुठभेड़ से भयभीत हो कर बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्य में शरण ले रहे हैं।
सरकेगुडा गांव के सरपंच मरकम नारायण ने बताया, "मुठभेड़ के बाद से लोग भयभीत हैं। वे लोग या तो पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में रोजगार की तलाश में जा रहे हैं या फिर अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं।"
सामूहिक रूप से पलायन करने के कारण धान की खेती पर असर पर पड़ रहा है, क्योंकि अधिकतर खेत खाली हैं। यह खरीफ का मौसम है और इस इलाके में पर्याप्त बारिश भी हुई है।
सुरक्षा बलों ने कोरसागुडा गांव में 28-29 जून की रात एक मुठभेड़ में 17 संदिग्ध नक्सलियों को ढेर कर दिया था।
दोनों गांवों के लोगों को इस बात का भय है कि वे सरकार या विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के केंद्र बन जाएंगे या फिर नक्सलियों द्वारा सताए जाएंगे। इसी डर से ग्रामीण जमीन जायदाद छोड़कर आंध्र प्रदेश में शरण ले रहे हैं।
सरकेगुडा गांव के सरपंच मरकम नारायण ने बताया, "मुठभेड़ के बाद से लोग भयभीत हैं। वे लोग या तो पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में रोजगार की तलाश में जा रहे हैं या फिर अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं।"
सामूहिक रूप से पलायन करने के कारण धान की खेती पर असर पर पड़ रहा है, क्योंकि अधिकतर खेत खाली हैं। यह खरीफ का मौसम है और इस इलाके में पर्याप्त बारिश भी हुई है।
सुरक्षा बलों ने कोरसागुडा गांव में 28-29 जून की रात एक मुठभेड़ में 17 संदिग्ध नक्सलियों को ढेर कर दिया था।
दोनों गांवों के लोगों को इस बात का भय है कि वे सरकार या विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के केंद्र बन जाएंगे या फिर नक्सलियों द्वारा सताए जाएंगे। इसी डर से ग्रामीण जमीन जायदाद छोड़कर आंध्र प्रदेश में शरण ले रहे हैं।
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