सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार को यहां रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े और उन्होंने तत्काल अपने-अपने राज्य भेजे जाने की मांग की. वे यह जानकर रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े कि कर्नाटक सरकार उन्हें गृह राज्य भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगी. इनमें से ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हैं. मजदूर स्टेशन पर डटे रहे और पुलिस की अपील के बावजूद उन्होंने वहां से जाने से इनकार कर दिया.
पुलिस ने प्रवासी मजदूरों के हवाले से कहा कि वे बिना नौकरी, पैसा और पर्याप्त भोजन के शहर में फंसे हुए हैं. अगर फौरन विशेष ट्रेनें नहीं चलाई गईं तो वे पैदल ही अपने गृह राज्य जाना चाहते हैं. कर्नाटक सरकार ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए आठ मई से विशेष ट्रेनें चलाने का बृहस्पतिवार को फैसला किया था और इसके लिए नौ राज्यों से मंजूरी मांगी थी.
उन्हें बताया गया कि कर्नाटक कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण शहर तथा अन्य जिलों में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए 15 मई तक इन राज्यों तक एक दिन में दो ट्रेन चलाना चाहता है. यह कदम तब उठाया गया है जब दो दिन पहले सरकार ने प्रवासियों के लिए विशेष ट्रेन चलाने का रेलवे से किया अनुरोध वापस ले लिया था. उसने मंगलवार को यह अनुरोध करने के कुछ ही घंटों के भीतर इसे वापस ले लिया. इससे पहले बेंगलुरु से प्रवासी मजदूरों के लिए आठ विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं.
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