अनुच्छेद 370 पर केंद्र को भेजे मैसेज: लोकसभा चुनाव से पहले उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरियों को चेताया

उमर अब्दुल्ला (Omar Abdulla) ने लोगों को चेताते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन या कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़कर नहीं बल्कि वे सिर्फ अपने वोट के जरिए ही केंद्र को आर्टिकल 370 (Article 370) पर अपना जवाब भेज सकते हैं.

अनुच्छेद 370 पर केंद्र को भेजे मैसेज: लोकसभा चुनाव से पहले उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरियों को चेताया

आर्टिकल 370 पर उमर अब्दुल्ला.(फाइल फोटो)

श्रीनगर:

लोकसभा चुनाव (LokSabha Elections 2024)  करीब आते ही सभी विपक्षी दल बीजेपी को मात देने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को अब उसी के खिलाफ भुलाने की भी कोशिश की जा रही है. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Jammu And Kashmir Omar Abdulla) अपने वोट बैंक को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के लोगों को बीजेपी के खिलाफ भड़काने की कोशिश में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीरी अगर केंद्र के आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने फैसले से खुश हैं तो उनकी पार्टी को वोट न दें. 

जम्मू-कश्मीर के लोगों से उमर अब्दुल्ला ने कहा, "इस चुनाव में, हमें सिर्फ एक सवाल का जवाब देना है: क्या 5 अगस्त, 2019 को लिया गया फैसला सही था या गलत."  नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने बुधवार को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, अगर आपको लगता है कि फैसला सही था और  केंद्र के इस फैसले से आपका जीवन बेहतर हुआ है, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट न दें. बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने 200 से ज्यादा दिन हाउस अरेस्ट में बिताए थे. 

"अपने वोट से 370 पर दें जवाब"

उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को चेताते हुए कहा कि अगर केंद्र का अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला उनको मंजूर नहीं है तो अपने वोट के जरिए ये संदेश उन तक पहुंचाना होगा. उन्होंने लोगों से कहा, " 5 अगस्त, 2019 के बाद अगर आप ठगा हुआ महसूस करते हैं और आपमें अन्याय की भावना है तो हमें (NC) वोट करें."

बता दें कि साल 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के जरिए राज्य को विभाजित कर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. लद्दाख में अब राज्य का दर्जा और संवैधानिक गारंटी, छठी अनुसूची के तहत नौकरियों, जमीन और अन्य विशेषाधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहा है, ये पहले अनुच्छेद 370 के तहत संरक्षित थे. 

"हम पथराव के लिए नहीं उकसाते"

उमर अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के लोगों को चेताते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन या कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़कर नहीं बल्कि वे सिर्फ अपने वोट के जरिए ही ये संदेश भेज सकते हैं. उमर ने कहा,  "हम उनमें से नहीं हैं जो युवाओं को पथराव के लिए उकसाते हैं और शांति के बीच में बाधा बनते हैं. हम उन लोगों में से हैं, जिन्होंने शांति बनाए रखने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है."

लोकसभा चुनाव में NC-PDP की राहें जुदा

बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस लोकसभा चुनाव में तीन सीटों श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग में चुनाव लड़ रही है. वह जम्मू में कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ रही है. वहीं INDIA गठबंधन का हिस्सा और राज्य की दूसरा बड़ा दल पीडीपी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ने जा रहा है. उसने पार्टी के पास गठबंधन में चुनाव लड़ने का कोई विकल्प नहीं छोड़ने के लिए उमर की नेशनल कॉन्फ्रेंस को जिम्मेदार ठहराया. पीडीपी नेकां से पार्टी के लिए अनंतनाग सीट छोड़ने की मांग कर रही थी, यहां से महबूबा मुफ्ती के चुनाव लड़ने की संभावना है. 

जम्मू और कश्मीर में पांच चरण में होगी वोटिंग

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बता दें कि जम्मू और कश्मीर में पांच चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होकर 20 मई तक चलेगा और चुनाव के रिजल्ट 4 जून को घोषित किए जाएंगे. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की राहें अलग हो गई हैं. दोनों ही दलों ने अलगग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.