- पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू में बाहरी लोगों के आने से अपराध दर बढ़ने की बात कही है
- महबूबा ने कहा कि 2019 के बाद जम्मू में बाहरी लोगों के आने से स्थानीय लोगों का कारोबार प्रभावित हो रहा है
- उन्होंने रैटल बिजली परियोजना में दबाव के बावजूद अपने लोगों को नौकरी देने से इनकार किया
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश में अपराध को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जम्मू में बाहरी लोगों के आने से अपराध बढ़ा है. महबूबा ने कहा कि 2019 के बाद से जम्मू में बाहरी लोगों का आना-जाना लगा है. अपराध दर बढ़ रहा है. स्थानीय लोगों का कारोबार बाहर से मंगवाया जा रहा है.
पीडीपी प्रमुख ने कहा, "...2019 के बाद बहुत सी दिक्कते आई हैं. जम्मू में बाहर से लोग आ रहे हैं और अपराध बढ़ गया है. जम्मू के लोग दिन-प्रतिदिन बदहाली का शिकार होते जा रहे हैं और इसलिए हम लोगों की बात सुनना चाहते थे. हम जानना चाहते हैं कि लोग क्या सोच रहे हैं. हम लोगों से सुनना चाहते थे कि PDP ऐसा क्या कर सकती है जिससे लोगों के हालात बेहतर हों."
#WATCH जम्मू, जम्मू-कश्मीर: PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, "... 2019 के बाद बहुत सी दिक्कते आई हैं। जम्मू में बाहर से लोग आ रहे हैं और अपराध बढ़ गया है... जम्मू के लोग दिन-प्रतिदिन बदहाली का शिकार होते जा रहे हैं और इसलिए हम लोगों की बात सुनना चाहते थे। हम जानना चाहते हैं कि… pic.twitter.com/ndz5LpFDBN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2025
रैटल बिजली परियोजना विवाद पर क्या बोलीं महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने रैटल बिजली परियोजना को लेकर कहा कि विधायक उन पर परोक्ष रूप से दबाव डाल रहे हैं कि वे बिजली परियोजना में अपने लोगों को नौकरी दें. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इसलिए अब वे उनके खिलाफ बोल रहे हैं. अगर किसी ने कुछ गलत किया है, तो ठीक है, उन्हें नौकरी न दें, लेकिन सिर्फ आरोपों के आधार पर किसी को भी नौकरी से न निकालें.

बीएसएफ को 'उपजाऊ' जमीन देने पर पुनर्विचार करें सीएम: महबूबा
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से पुलवामा जिले में सुरक्षा शिविर स्थापित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को 'उपजाऊ' भूमि आवंटित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था. पुलवामा के पोचल गांव का दौरा करने के बाद मुफ्ती ने कहा, 'यह गांव के बीचों-बीच स्थित उपजाऊ जमीन है. इसे बीएसएफ को शिविर स्थापित करने के लिए नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि कई लोगों की रोजी रोटी इस जमीन से जुड़ी हुई है.'
मुफ्ती ने कहा, 'उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री हैं और उन्हें जनता के हितों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए. बीएसएफ को बंजर भूमि दी जा सकती है.' उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को रक्षा मंत्री के सामने भी उठाएंगी.
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