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This Article is From May 28, 2020

प्रवासी मजदूरों की बदहाली पर मेधा पाटकर पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट, याचिका दाखिल कर की यह मांग

प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को लेकर समाजसेवी मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है.

प्रवासी मजदूरों की बदहाली पर मेधा पाटकर पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट, याचिका दाखिल कर की यह मांग
मेधा पाटकर ने प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को लेकर मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि एक समान मंच बनाया जाए, जिसका उपयोग सभी प्रवासियों द्वारा टिकटिंग प्रणाली के लिए किया जा सकता है. याचिका में ट्रेनों के प्रावधान के लिए राज्य की सहमति के अधीन नहीं होने का अनुरोध किया गया है. याचिका में उन प्रवासियों के लिए आश्रय गृहों और भोजन के इंतजाम की मांग की गई है, जो पैदल घर वापस जा रहे हैं.

याचिका में प्रवासी मजदूरों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कहा गया है और लॉकडाउन के बाद उनके लिए रोजगार की योजना बनाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट आज ही मुख्य मामले के साथ इस याचिका पर भी सुनवाई करेगा.

बताते चलें कि देशभर में प्रवासी मजदूरों की बदहाली के मामलों को लेकर बुधवार को कांग्रेस पार्टी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होने वाली सुनवाई में पक्षकार बनाने की मांग की गई. सुप्रीम कोर्ट में रणदीप सुरजेवाला द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार देश में फंसे प्रवासी मजदूरों के मुद्दों के समाधान के लिए विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ किसी भी संयुक्त समिति का गठन करने में विफल रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासियों के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है और केंद्र व सभी राज्यों से जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया है कि संसद सत्र का संचालन नहीं हो रहा है, इसलिए पार्टी प्रवासियों के मुद्दों को संसद नहीं उठा सकती है. फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए तत्काल निवारण की आवश्यकता है. प्रत्यक्ष रूप से प्रवासियों पर कोई राष्ट्रव्यापी योजना नहीं है. कांग्रेस पार्टी को सुप्रीम कोर्ट आने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

कोरोनावायरस महामारी के बीच देशभर में प्रवासी मजदूरों की हालत पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया था. शीर्ष अदालत ने कहा है कि हालात को सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. मीडिया में प्रवासी मजदूरों की मुश्किलों से संबंधित खबरों को संज्ञान में लेते हुए जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को गुरुवार को केंद्र व राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के इंतजामों में खामियां हैं. अभी भी सड़कों, हाइवे, रेलवे स्टेशनों व राज्यों की सीमाओं पर प्रवासी फंसे हुए हैं, जिनके लिए खाना-पानी और आश्रय आदि की तुरंत व्यवस्था कराने की आवश्यकता है.

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