MCD Election 2022 : दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ रहे 1349 प्रत्याशियों में 784 प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए. सर्वाधिक खराब स्थित बसपा (BSP) के साथ हुई है. राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, जमानत नहीं बचा पाने वालों में कांग्रेस के 188, बीजेपी (BSP) के 10 और आप के 3, बीएसपी के 128, एआईएमआईएम के 13, जेडीयू के 22 और एनसीपी के 25 उम्मीदवार शामिल हैं. निगम चुनाव में बसपा के 250 में 132 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, जिसमें से सिर्फ चार प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा पाये. वहीं कांग्रेस 247 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी, जिसमें से 188 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई.
इसके साथ ही 134 सीटों के साथ बहुमत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है. जबकि बीजेपी 250 सीटों पर चुनवा लड़ी थी, जिसके दस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. सर्वाधिक खराब स्थिति में निर्दलीय रहे हैं. कुल 382 प्रत्याशी मैदान में थे इसमें से 370 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए. वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली की 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के अंतिम परिणामों में AAP ने 134 वार्डों पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा 104 वार्डों के साथ दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस को 9 वार्डों पर जीत मिली, जबकि तीन वार्डों पर निर्दलीय जीते. राष्ट्रीय राजधानी में 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को मतदान हुआ था, जिसमें लगभग 50 प्रतिशत मतदान हुआ था और कुल 1,349 उम्मीदवार मैदान में थे. हालांकि, कम वोटिंग टर्नआउट प्रो-इंकंबेंसी का संकेतक साबित नहीं हुआ.
जानिए कैसे होती जमानत जब्त
नियमानुसार चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी को पांच हजार रुपये की सुरक्षा राशि जमा करानी होती है. वहीं अनुसूचित जाति के लिए 2500 रुपये होती है. ऐसे में जो प्रत्याशी सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66 प्रतिशत वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है. चुनाव नामांकन के समय जो राशि जमा कराई जाती है, वह वापस नहीं मिलती. जबकि जिन प्रत्याशियों की जमानत जब्त नहीं होती है, उनकी जमा राशि को वापस कर दिया जाता है.
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