बसपा प्रमुख मायावती ने बयान जारी कर प्रधानमंत्री पर साधा निशाना. (फाइल फोटो)
लखनऊ:
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज यहां भाजपा व केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह प्रदेश व कुछ अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर तीन तलाक एवं एक समान नागरिक संहिता जैसे शरीयत से जुड़े धार्मिक मुद्दों को लेकर नया विवाद खड़ा कर रही है जो कि अति-निन्दनीय है.
मायावती ने आज यहां एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि जब से केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तबसे भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संकीर्ण, साम्प्रदायिक व कट्टरवादी एजेण्डे को किसी न किसी रुप में देश के लोगों के ऊपर थोपने में लगी हुई है.
उन्होंने कहा, "ताजा विवाद में मुस्लिम पर्सनल लॉ व तीन तलाक के शरीयत से सम्बंधित मुद्दे तथा अत्यन्त ही संवेदनशील कॉमन सिविल कोड (एक समान नागरिक संहिता) के मसले को छेड़ दिया गया है. इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया युनिवर्सिटी से अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान होने का दर्जा छीन कर एक सुलझे हुए मामले को दोबारा से शुरू कर विवाद पैदा कर दिया है.’’ नरेन्द्र मोदी की सरकार ने मुस्लिम पर्सनल लॉ, तीन तलाक तथा कॉमन सिविल कोड आदि के मुद्दों को लेकर नया विवाद खड़ा करके इसकी आड़ में भी घिनौनी राजनीति शुरू कर दी है, जिसकी बीएसपी कड़े शब्दों में निन्दा करती है.
मायावती ने कहा कि बेहतर होगा कि किसी धर्म से जुडे सवाल पर उस धर्म को मानने वाले लोगों को ही तय करने दिया जाए और मुस्लिम पर्सनल लॉ व तीन तलाक एवं समान नागरिक संहिता आदि के मामले को भी इसी नजरिये से देखा जाना ही उचित व न्यायोचित प्रतीत होता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मायावती ने आज यहां एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि जब से केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तबसे भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संकीर्ण, साम्प्रदायिक व कट्टरवादी एजेण्डे को किसी न किसी रुप में देश के लोगों के ऊपर थोपने में लगी हुई है.
उन्होंने कहा, "ताजा विवाद में मुस्लिम पर्सनल लॉ व तीन तलाक के शरीयत से सम्बंधित मुद्दे तथा अत्यन्त ही संवेदनशील कॉमन सिविल कोड (एक समान नागरिक संहिता) के मसले को छेड़ दिया गया है. इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया युनिवर्सिटी से अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान होने का दर्जा छीन कर एक सुलझे हुए मामले को दोबारा से शुरू कर विवाद पैदा कर दिया है.’’ नरेन्द्र मोदी की सरकार ने मुस्लिम पर्सनल लॉ, तीन तलाक तथा कॉमन सिविल कोड आदि के मुद्दों को लेकर नया विवाद खड़ा करके इसकी आड़ में भी घिनौनी राजनीति शुरू कर दी है, जिसकी बीएसपी कड़े शब्दों में निन्दा करती है.
मायावती ने कहा कि बेहतर होगा कि किसी धर्म से जुडे सवाल पर उस धर्म को मानने वाले लोगों को ही तय करने दिया जाए और मुस्लिम पर्सनल लॉ व तीन तलाक एवं समान नागरिक संहिता आदि के मामले को भी इसी नजरिये से देखा जाना ही उचित व न्यायोचित प्रतीत होता है.
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