सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 'अग्निपथ' के विरोध का मामला, देशभर में हो रही हिंसा की SIT जांच की मांग वाली याचिका दाखिल

केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना' का एलान किया है. इसके तहत संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर' कहा जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 'अग्निपथ' के विरोध का मामला, देशभर में हो रही हिंसा की SIT जांच की मांग वाली याचिका दाखिल

अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवा

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम को लेकर देशभर में जारी युवाओं के हंगामे के बीच शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित याचिका दाखिल की गई है. दिल्ली के वकील विशाल तिवारी ने याचिका दाखिल करते हुए स्कीम के विरोध में देश भर में हो रही हिंसा की जांच को लेकर एसआईटी का गठन करने की मांग की है. साथ ही स्कीम की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी के गठन की भी मांग की गई है.

वकील ने की ये तीन मांग

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वो हिंसा को लेकर एक स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे. साथ ही राज्यों को आदेश दे कि पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर दोषियों से दावा वसूलने को लेकर दावा कमिश्नर नियुक्ति की जाए. इसके अलावा अग्निपथ योजना के राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन भी एक्सपर्ट कमेटी से कराया जाए.

केंद्र ने नई योजना का किया है एलान

बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना' का एलान किया है. इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर' कहा जाएगा. हालांकि, केंद्र की इस योजना ने युवाओं के आक्रोश को भड़का दिया है. योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शन के बीच केंद्र ने योजना में बदलाव भी किए हैं. लेकिन युवा बहाली की पुरानी पद्धति को लागू करने की मांग पर अड़े हुए हैं. 

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