आतंकी मसर्रत आलम की रिहाई के बहाने बीजेपी को कोसने का शिवसेना को एक और बहाना मिल गया है। पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे से जब मुम्बई में पूछा गया कि, क्या बीजेपी ने नैतिकता छोड़ दी है? तो वे तंज कसते हुए बोले, उस बात पर तो आज पूरा देश बोला रहा है। मुझे और कुछ नहीं बोलना।
उद्धव ने इस से पहले जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद के उस फैसले पर सवाल उठाए जिस के तहत आतंकी मसर्रत आलम की रिहाई की गई। उद्धव ने मुफ़्ती के खिलाफ़ आतंकवाद को मदद करने के तहत मामला दर्ज़ कराने की मांग भी की।
मुम्बई में संवाददाताओं से बात करते हुए उद्धव ने पूछा, 'क्या किसी सीएम के पास इस तरह से किसी आतंकी की रिहाई के अधिकार होते हैं? हमारे सैनिक जान पर खेल ऐसे आतंकीयों को पकड़ते हैं और उन्हें रिहा किया जाता है। यह सेना दलों का अपमान है।'
इससे पहले शिवसेना के सांसदों ने दिल्ली में पार्टी लाइन के अनुरूप सदन में मसर्रत आलम की रिहाई का मुद्दा उठाने का ऐलान किया। पार्टी के सांसद अरविंद सावंत ने संसद भवन में संवाददाताओं से बात की। सावंत ने सवाल किया की बीजेपी की आतंकवाद को लेकर दोहरी सोच क्यों है?
शिवसेना 18 सांसदों के साथ NDA का दूसरा सबसे बड़ा दल है। केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल शिवसेना बीच बीच में बीजेपी को आंखे दिखाती रहती है। इसी के चलते शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ने जम्मू और कश्मीर की PDP-BJP सरकार पर जाते जाते टिपण्णी कि की, जो कुछ हो रहा है वह अच्छा नहीं हो रहा है।
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