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This Article is From Mar 10, 2017

मारुति सुजुकी फैक्‍ट्री हिंसा केस: 31 दोषी करार और 117 बरी

मारुति सुजुकी फैक्‍ट्री हिंसा केस: 31 दोषी करार और 117 बरी
मारुति प्लांट में 2012 में हुई थी हिंसा (फाइल फोटो)
गुरुग्राम: 2012 में हरियाणा में मारुति सुजुकी फैक्ट्री में हुई हिंसा के मामले में हरियाणा की जिला अदालत ने फैसला सुनाया है. 31 लोग दोषी करार दिए गए जबकि 117 लोग बरी किये गए हैं. पुलिस ने 147 लोगों को गिरफ्तार किया था. 11 लोग जेल में हैं, जबकि बाकी सभी जमानत पर बाहर आ गए हैं. 18 जुलाई 2012 को मारुति में मानेसर प्लांट में वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा की थी. इस घटना में कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी को जिंदा जला दिया गया था. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के गोयल ने एमएसआईएल के 117 कर्मचारियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. इस मामले में कुल 148 कर्मचारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था.

संयंत्र में हिंसा अगस्त 2012 में एक कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने को लेकर हुई थी. आंदोलनकारी कर्मचारियों ने संयंत्र में तोड़फोड़ की थी, फैक्टरी के एक हिस्से में आग लगा दी थी और कंपनी के वरिष्ठ एचआर अधिकारी अवनीश कुमार देव को जिंदा जला दिया था और 100 अन्य कर्मचारियों की रॉड से पिटाई की थी. घायलों में कुछ विदेशी और पुलिसकर्मी भी थे. अदालत ने 13 लोगों को देव की हत्या का दोषी ठहराया जबकि अन्य को हिंसा के दौरान अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया. इस अशांति के बाद मारुति के मानेसर संयंत्र को एक महीने के लिए बंद कर दिया गया था.

मारुति के इस संयंत्र में हर साल पांच लाख से अधिक कारें तैयार होती हैं. बचाव पक्ष के वकील राजेंद्र पाठक ने कहा कि दोषियों को कितनी सजा होगी इसकी घोषणा 18 मार्च को की जाएगी. एहतियाती उपाय के तहत अदालत में शुक्रवार को पुलिस की बड़ी टुकड़ी तैनात की गई थी. स्थानीय प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए निषेधाज्ञा लगा रखी थी.

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