देशभर में 40 हजार से ज्यादा अग्निवीरों का भर्ती अभियान चल रहा है. पश्चिमी उप्र के 13 जिलों के अग्निवीरों की भर्ती के लिए हजारों युवा रोज मुजफ्फरनगर में जुट रहे हैं. यह भर्ती 10 अक्टूबर तक चलेगी. यहां अग्निवीरों को कई तरह के समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. लेकिन बाबजूद इसके युवओं देश सेवा का जूनून देखने को मिल रहा है.
मुजफ्फरनगर के चौधरी चरण सिंह स्टेडियम में रात 1 बजे इनको परीक्षा के लिए अंदर भेजा जाता है. लेकिन शाम 6 बजे से ही कतार लगनी शुरु हो जाती है. सुबह 7 बजे इनकी दौड़ शुरु होती है. 1600 मीटर दौड़ को सबसे कम वक्त में पूरा करने वालों को रोक लिया जाता है. बाकी हजारों लड़कों को बाहर भेज दिया जाता है.
मुरादाबाद से आए लोकेंद्र ने बताया कि 2 साल कोरोना में भर्ती नहीं हुई. अब इस अग्निवीर परीक्षा की दौड़ में महज कुछ सेकेंड से पीछे रहे गए हैं. उन्होंने बताया कि उनका सपना था कि आर्मी में भर्ती हो. लेकिन अब खेती या प्राइवेट काम करेंगे.
लोकेंद्र ने आगे कहा, "रात को ग्यारह बजे आए हैं. सुबह 11 बजे दौड़ आयोजित की गई है. ग्राउंड काफी गीला था.वहीं, इस भर्ती में भाग लेने प्रिंस कुमार ने बताया कि पिता मजदूर हैं. बीते 4 दिन सड़क किनारे रहकर उन्होंने अग्निवीर परीक्षा की दौड़ और मेडिकल में सफलता हासिल की है. अब नवंबर में होने वाली लिखित परीक्षा अगर पास कर लेते हैं तो अग्निवीर बन जाएंगे. हिम्मत नहीं हारनी है.
वहीं, एक और युवक जयदेव ने बताया कि वे खुद 18 साल के हैं. लेकिन 50 लड़कों को दौड़ने की कोचिंग देते है. उन्होंने बताया कि घर से कोई 100 रुपए लेकर चला कोई 500 रुपए. न कोई रुकने का ठिकाना न खाने का बंदोबस्त. ख्वाहिश बस अग्निवीर बनकर देश की सेवा करने की.
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