हैदराबाद:
आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले में मंगलवार से शुरू हुए पुष्करालु मेला आयोजन के दौरान अचानक भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कम से कम 25 महिलाओं सहित 27 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य घायल हैं।
दुखद घटना सुबह 7:30 बजे और आठ बजे के बीच हुई। अधिकांश पीड़ित बुजुर्ग हैं। उप जिला अधिकारी (राजामुंद्री) विजय रामराजू ने बताया कि शवों को राजामुंद्री सरकारी अस्पताल ले जाया गया है और घायलों को नजदीक के एक अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
ख़बरों के मुताबिक मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। गोदावरी पुष्करालु मेले के अवसर पर गोदावरी नदी में स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। NDRF के एक अधिकारी के मुताबिक कुछ महिलाएं संतुलन नहीं रख सकीं और गिर गईं जिसके बाद भगदड़ मच गई।
प्रधानमंत्री ने इस भगदड़ पर दुख जताते हुए ट्वीट करते हुए कहा, राजामुंदरी में भगदड़ से हुई मौत से काफी दुखी हूं। मृतकों के परिजनों को मेरी संवेदना और घायलों के लिए प्रार्थना।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस त्रासदी पर गहरा दुख प्रकट किया और फिलहाल राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। नायडू ने कहा, ‘यह बहुत दुखद और स्तब्ध करने वाला है। मैं यहां उत्सव का सुचारू रूप चलना सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों का जायजा लेने के मकसद से कई बार आया था। परंतु क्रियान्वयन में कुछ समस्याएं आईं।’
मुख्यमंत्री नायडू ने मारे गए व्यक्तियों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का ऐलान किया और कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह अगले 11 दिनों तक राजामुंद्री में रहेंगे।
इससे पहले मंगलवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नदियों की पूजा का उत्सव ‘गोदावरी पुष्करम’ शुरू हुआ। यह उत्सव 144 साल में एक बार ही आयोजित होता है।
बारह साल में एक बार मनाए जाने वाले पुष्करालू को इस बार खगोलीय दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जा रहा है क्योंकि यह महा-पुष्करालु है जो 144 साल बाद पड़ता है।
आंध्र के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उनकी पत्नी और बेटे ने आंध्र प्रदेश में राजमुंदरी में पवित्र स्नान किया जहां गोदावरी नदी अपने पूरे उफान पर है। उन्होंने नदी की पूजा की और शंख बजाकर 12 दिन तक चलने वाले उत्सव का उद्घाटन किया।
कांची के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने भी राजमुंदरी में पवित्र स्नान किया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य में आयोजन की शुरुआत करते हुए करीमनगर जिले के धर्मपुरी में पवित्र स्नान किया।
‘पुष्करम’ यहां ‘कुंभ मेला’ के समान है, जो नदियों के किनारे मनाया जाता है और पवित्र स्नान उत्सव की मुख्य परंपरा है। दोनों राज्यों की सरकारों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
दुखद घटना सुबह 7:30 बजे और आठ बजे के बीच हुई। अधिकांश पीड़ित बुजुर्ग हैं। उप जिला अधिकारी (राजामुंद्री) विजय रामराजू ने बताया कि शवों को राजामुंद्री सरकारी अस्पताल ले जाया गया है और घायलों को नजदीक के एक अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
ख़बरों के मुताबिक मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। गोदावरी पुष्करालु मेले के अवसर पर गोदावरी नदी में स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। NDRF के एक अधिकारी के मुताबिक कुछ महिलाएं संतुलन नहीं रख सकीं और गिर गईं जिसके बाद भगदड़ मच गई।
प्रधानमंत्री ने इस भगदड़ पर दुख जताते हुए ट्वीट करते हुए कहा, राजामुंदरी में भगदड़ से हुई मौत से काफी दुखी हूं। मृतकों के परिजनों को मेरी संवेदना और घायलों के लिए प्रार्थना।
Deeply pained at the loss of lives due to stampede at Rajahmundry. My condolences to the families of the deceased & prayers with the injured
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2015
एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने राज्य के मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात की है। राज्य सरकार स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में जुटी हुई है।'I spoke to CM @ncbn & discussed the situation with him. The State Government is working to restore normalcy.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2015
उप जिला अधिकारी (राजामुंद्री) विजय रामराजू ने कहा, ‘अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में अधिकांश बुजुर्ग महिलाएं हैं।’ पीड़ित मंगलवार तड़के से इंतजार कर रहे थे और कुछ थके हुए थे, क्योंकि वे लंबी दूरी तय करके यहां पहुंचे थे। अधिकारी ने कहा कि दम घुटने के कारण लोगों की मौत हुई होगी।आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस त्रासदी पर गहरा दुख प्रकट किया और फिलहाल राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। नायडू ने कहा, ‘यह बहुत दुखद और स्तब्ध करने वाला है। मैं यहां उत्सव का सुचारू रूप चलना सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों का जायजा लेने के मकसद से कई बार आया था। परंतु क्रियान्वयन में कुछ समस्याएं आईं।’
मुख्यमंत्री नायडू ने मारे गए व्यक्तियों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का ऐलान किया और कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह अगले 11 दिनों तक राजामुंद्री में रहेंगे।
इससे पहले मंगलवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नदियों की पूजा का उत्सव ‘गोदावरी पुष्करम’ शुरू हुआ। यह उत्सव 144 साल में एक बार ही आयोजित होता है।
बारह साल में एक बार मनाए जाने वाले पुष्करालू को इस बार खगोलीय दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जा रहा है क्योंकि यह महा-पुष्करालु है जो 144 साल बाद पड़ता है।
आंध्र के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उनकी पत्नी और बेटे ने आंध्र प्रदेश में राजमुंदरी में पवित्र स्नान किया जहां गोदावरी नदी अपने पूरे उफान पर है। उन्होंने नदी की पूजा की और शंख बजाकर 12 दिन तक चलने वाले उत्सव का उद्घाटन किया।
कांची के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने भी राजमुंदरी में पवित्र स्नान किया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य में आयोजन की शुरुआत करते हुए करीमनगर जिले के धर्मपुरी में पवित्र स्नान किया।
‘पुष्करम’ यहां ‘कुंभ मेला’ के समान है, जो नदियों के किनारे मनाया जाता है और पवित्र स्नान उत्सव की मुख्य परंपरा है। दोनों राज्यों की सरकारों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
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