विज्ञापन
This Article is From Sep 30, 2023

कनाडा में मणिपुर के आदिवासी नेता के भाषण से उन पर खालिस्तान से संबंधों के आरोप सामने आए

नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (NAMTA) ने सरे गुरुद्वारे में अपने कनाडा चैप्टर के प्रमुख लियन गैंगटे के भाषण का एक वीडियो पोस्ट किया

कनाडा में मणिपुर के आदिवासी नेता के भाषण से उन पर खालिस्तान से संबंधों के आरोप सामने आए
नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन कनाडा के प्रमुख लियन गैंगटे सरे गुरुद्वारा में.
नई दिल्ली:

कनाडा में मणिपुर के कुकी-ज़ो जनजाति ग्रुप के नेता द्वारा मणिपुर में जातीय हिंसा पर दिए गए एक भाषण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. अगस्त की शुरुआत में यह कार्यक्रम कनाडा के सरे के उसी गुरुद्वारे में आयोजित किया गया था, जिसके प्रमुख और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (NAMTA) के कनाडा चैप्टर के प्रमुख लियन गैंगटे ने अपने भाषण में "भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले" की निंदा की और कनाडा से "हर संभव मदद" मांगी.

NAMTA ने इस कार्यक्रम का एक वीडियो सात अगस्त को फेसबुक और एक्स पर शेयर किया था. यह वीडियो काफी दिनों बाद तब हटा दिया गया जब पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस दावे कि खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या में "भारत सरकार के एजेंट" शामिल थे, के बाद भारत और कनाडा के बीच विवाद शुरू हुआ.

गंगटे कुकी-जो जनजातियों से संबंधित हैं. उन्होंने पहाड़ी-बहुल जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मैतेई जनजाति के बीच जातीय हिंसा के बारे में विस्तार से बात की.

Latest and Breaking News on NDTV

गंगटे ने कहा, "चार मई को, एक भीड़ ने हमारे घर पर हमला किया और मेरे पिता को मारने की कोशिश की. वह 80 साल के हैं... उन्होंने हमारे घर को लूट लिया और आग लगा दी. मेरा बड़ा भाई और उसका परिवार केवल उन कपड़ों के साथ भागा जो वे पहने हुए थे. मणिपुर तीन मई से जल रहा है. हमारे 120 से अधिक लोग मारे गए हैं, 7,000 से अधिक घर लूटे गए और जला दिए गए, सैकड़ों चर्च जला दिए गए और घाटी के 200 गांव तबाह हो गए.''

गंगटे ने आरोप लगाया कि, "अधिकारियों ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया. मणिपुर पुलिस ने इसके बजाय दंगाइयों को प्रोत्साहित किया. हमें इम्फाल घाटी से क्रूर तरीके से हटाया गया, इसलिए हम इसे जातीय सफाया मानते हैं. उन्होंने एक सात वर्षीय लड़के तब जिंदा जला दिया जब उसकी मां और रिश्तेदार एम्बुलेंस में थे... और वे कहते हैं कि हमें शांति और सामान्य स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए.''

ट्राइबल एसोसिएशन कनाडा के नेता ने कहा, "...जब यह सब भारत में हो रहा था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहां थे... उस जगह को छोड़कर जहां उनके ध्यान की सबसे ज्यादा जरूरत थी, वे अमेरिका, फ्रांस, मिस्र गए." गंगटे ने कहा, "भारत में कोई भी अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है. चाहे मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो. हम भारत में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा करते हैं. हम कनाडा से हरसंभव मदद का अनुरोध करते हैं."

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अधिकारियों के नाम का जिक्र किए बिना उनके हवाले से गुरुवार को बताया कि भारत की खुफिया एजेंसियां NAMTA की गतिविधियों और कुकी-ज़ो समूह के खालिस्तानियों के साथ कथित संबंधों पर नजर रख रही हैं.

फर्स्ट पोस्ट ने अज्ञात खुफिया सूत्रों के हवाले से गुरुवार को बताया कि गंगटे के भाषण के बाद, NAMTA के सदस्य और खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर के समर्थकों की एक बैठक हुई. कहा गया है कि इस घटनाक्रम ने खुफिया एजेंसियों को चिंतित कर दिया है.

Latest and Breaking News on NDTV

मणिपुर सरकार के सूत्रों ने NDTV को बताया कि उन्होंने कनाडा में NAMTA की गतिविधियों पर सोशल मीडिया पोस्ट देखी हैं. मणिपुर गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "हमने NAMTA वीडियो देखा है. यह चिंताजनक है, लेकिन हमें विश्वास है कि मणिपुर के हालात को देखते हुए खुफिया एजेंसियां उन पर नज़र रख रही हैं. हम फिलहाल सामान्य स्थिति और शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं." 

मणिपुर संकट पर नज़र रखने वाले कुकी-ज़ो कम्युनिकेशन प्रोफेशनल ने NDTV को बताया कि NAMTA वीडियो को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. इसके आलोचक साजिश रच रहे हैं. यह वीडियो अगस्त की शुरुआत में सामने आया और निज्जर की हत्या पर कनाडा-भारत विवाद शुरू होने तक किसी को इससे कोई समस्या नहीं थी.

कम्युनिकेशन प्रोफेशनल ने नाम का जिक्र न करने का अनुरोध करते हुए बताया, "खालिस्तानियों के साथ NAMTA के जुड़ाव की बात एक बड़ा झूठ है. इसे पोस्ट करने वाले ट्रोल हैंडल के अलावा इसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है. कल, अगर ट्रोल आपको आतंकवादी कहना शुरू कर देंगे, तो आपको बयान देना होगा." 

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति श्रेणी का दर्जा देने की मांग को लेकर कुकी जनजातियों और मैतेई लोगों के बीच तीन मई को शुरू हुई जातीय हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं. हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और राहत शिविरों व प्रीफेब्रिकेटेड घरों में रह रहे हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
MUDA जमीन घोटाला: थम नहीं रहीं सिद्धारमैया की मुश्किलें, पहले FIR के आदेश, अब CBI जांच की मांग
कनाडा में मणिपुर के आदिवासी नेता के भाषण से उन पर खालिस्तान से संबंधों के आरोप सामने आए
Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण का मतदान आज, कई इलाके अलगाववाद प्रभावित
Next Article
Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण का मतदान आज, कई इलाके अलगाववाद प्रभावित
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com