केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने गौवध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन विरोध दर्ज कराने का आह्वान किया और देशभर में चिड़ियाघरों पर पाबंदी का भी सुझाव दिया।
मोदी सरकार के दो साल पर सवालों का जवाब दे रही थीं मेनका
सोशल मीडिया पर घंटे भर चली सीधी बातचीत में उन्होंने विभिन्न विषयों पर ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं के सवाल लिए। मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर मंत्रालय की उपलब्धियों पर चर्चा के लिए संवाद आयोजित किया गया था। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'मैं इसे (गौकशी) रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रही हूं। इस सबकी जड़ ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन पर पाबंदी में है और मैं हर दिन स्वास्थ्य मंत्री से इस पर पूरी तरह पाबंदी के लिए कहती हूं।' उन्होंने कहा, 'तब आप देखेंगे कि गायों को काटने के लिए नहीं बेचा जाएगा। हमें इसे रोकने के लिए देशभर में इंटरनेट के माध्यम से विरोध दर्ज कराना होगा।'
चिड़ियाघर अब बन गई है असामाजिक तत्वों की जगह
पशु अधिकार कार्यकर्ता के तौर पर भी सक्रिय रहने वाली मेनका ने चिड़ियाघरों पर पाबंदी का सुझाव देते हुए कहा कि अब ये बच्चों के मनोरंजन की जगह नहीं रहीं और असामाजिक तत्वों की जगह हैं। उन्होंने आभासी चिड़ियाघरों के संबंध में एक प्रश्न पर लिखा, 'मैं पूरी तरह चिड़ियाघरों के खिलाफ हूं। वे आभासी होने चाहिए। या आप नेशनल ज्योग्राफिक और डिस्कवरी चैनल देख सकते हैं। चिड़ियाघर जमीन पर नरक हैं और सभी बंद हो जाने चाहिए। अब ये वो स्थान नहीं रहे जहां लोग अपने बच्चों को लाते हैं। इनमें से अधिकतर असामाजिक तत्वों के लिए हैं, जो केवल पिंजड़ों में बंद बेचारे जानवरों को तब तक परेशान करते हैं, जब तक वे मर नहीं जाते। प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं होते और पशुओं की मृत्युदर अधिक है।'
सवालों की बौछार होने पर मेनका ने ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं को आश्वासन दिया कि वह नियमित इस कवायद को करेंगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मोदी सरकार के दो साल पर सवालों का जवाब दे रही थीं मेनका
सोशल मीडिया पर घंटे भर चली सीधी बातचीत में उन्होंने विभिन्न विषयों पर ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं के सवाल लिए। मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर मंत्रालय की उपलब्धियों पर चर्चा के लिए संवाद आयोजित किया गया था। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'मैं इसे (गौकशी) रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रही हूं। इस सबकी जड़ ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन पर पाबंदी में है और मैं हर दिन स्वास्थ्य मंत्री से इस पर पूरी तरह पाबंदी के लिए कहती हूं।' उन्होंने कहा, 'तब आप देखेंगे कि गायों को काटने के लिए नहीं बेचा जाएगा। हमें इसे रोकने के लिए देशभर में इंटरनेट के माध्यम से विरोध दर्ज कराना होगा।'
चिड़ियाघर अब बन गई है असामाजिक तत्वों की जगह
पशु अधिकार कार्यकर्ता के तौर पर भी सक्रिय रहने वाली मेनका ने चिड़ियाघरों पर पाबंदी का सुझाव देते हुए कहा कि अब ये बच्चों के मनोरंजन की जगह नहीं रहीं और असामाजिक तत्वों की जगह हैं। उन्होंने आभासी चिड़ियाघरों के संबंध में एक प्रश्न पर लिखा, 'मैं पूरी तरह चिड़ियाघरों के खिलाफ हूं। वे आभासी होने चाहिए। या आप नेशनल ज्योग्राफिक और डिस्कवरी चैनल देख सकते हैं। चिड़ियाघर जमीन पर नरक हैं और सभी बंद हो जाने चाहिए। अब ये वो स्थान नहीं रहे जहां लोग अपने बच्चों को लाते हैं। इनमें से अधिकतर असामाजिक तत्वों के लिए हैं, जो केवल पिंजड़ों में बंद बेचारे जानवरों को तब तक परेशान करते हैं, जब तक वे मर नहीं जाते। प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं होते और पशुओं की मृत्युदर अधिक है।'
सवालों की बौछार होने पर मेनका ने ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं को आश्वासन दिया कि वह नियमित इस कवायद को करेंगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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