पुणे में कई जगहों पर किसानों ने दूध को फेंक दिया है.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश के मंदसौर हिंसा की पहली बरसी पर देश के कई राज्यों के किसानों ने आज से 10 दिन का 'गांव बंद' का ऐलान किया है. देशभर के कई किसान संगठनों ने लंबे समय से अपनी मांगों को नहीं माने जाने के विरोध में बंद बुलाया है. इस बंद में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों के किसान शामिल हैं. इनकी मुख्य मांग है कि इनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य इन्हें दिया जाए, साथ ही फलों और सब्ज़ियों का भी न्यूनतम मूल्य तय किया जाए, किसान लंबे समय से दूध की न्यूनतम क़ीमत 27 रुपये लीटर करने की भी मांग कर रहे हैं. बंद के दौरान किसान कई जगह घेराव और रैलियां निकालेंगे. इस हड़ताल से दूध, फल, सब्ज़ियों की सप्लाई पर असर पड़ रहा है. दिल्ली की अलग-अलग मंडियों में सब्ज़ी की सप्लाई कम हुई है. जिससे क़ीमत बढ़ना तय माना जा रहा है.
मंदसौर कांड की पहली बरसी पर आज से किसानों का 10 दिन तक 'गांव बंद' का ऐलान, 170 किसान संगठन शामिल
आंदोलन को और तीव्र करने का ऐलान
किसान सभा के नेता अशोक ढवले के मुताबिक आज सभी किसान अपनी अपनी तहसील कार्यालय का घेराव करेंगे. अगर फिर भी सरकार की नींद नही खुली तो सभी सामान विचार वाले संगठनों को साथ लेकर आंदोलन और तीव्र किया जाएगा.
Ground Report : मंदसौर गोलीकांड को एक साल पूरा, पीड़ित परिवारों की नाराजगी कायम
किसानों ने फेंका दूध
पुणे के पास खेड शिवापुर, मनमाड और विसापुर में किसानो ने दूध को सड़कों पर फेंककर आंदोलन किया.
वीडियो : किसानों का 10 दिन का बंद
प्रशासन के इंतजाम
इस आंदोलन का सुबह से मिला-जुला असर नजर आ रहा है, वहीं पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। राजधानी भोपाल से लेकर मंदसौर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में शुक्रवार को किसानों के आंदोलन का मिला-जुला असर नजर आ रहा है. दूध की आपूर्ति पर असर हुआ है, तो सब्जियां मंडियों तक आसानी से नहीं पहुंची हैं. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं.
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आंदोलन को और तीव्र करने का ऐलान
किसान सभा के नेता अशोक ढवले के मुताबिक आज सभी किसान अपनी अपनी तहसील कार्यालय का घेराव करेंगे. अगर फिर भी सरकार की नींद नही खुली तो सभी सामान विचार वाले संगठनों को साथ लेकर आंदोलन और तीव्र किया जाएगा.
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किसानों ने फेंका दूध
पुणे के पास खेड शिवापुर, मनमाड और विसापुर में किसानो ने दूध को सड़कों पर फेंककर आंदोलन किया.
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प्रशासन के इंतजाम
इस आंदोलन का सुबह से मिला-जुला असर नजर आ रहा है, वहीं पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। राजधानी भोपाल से लेकर मंदसौर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में शुक्रवार को किसानों के आंदोलन का मिला-जुला असर नजर आ रहा है. दूध की आपूर्ति पर असर हुआ है, तो सब्जियां मंडियों तक आसानी से नहीं पहुंची हैं. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं.
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