दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पीयूष बंधोपाध्याय नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है,जो खुद को आईएफएस अफसर (IFS Officer) बताता था और भारत सरकार में बड़े पद पर तैनात होने का दावा करता था. आरोपी ने गुजरात के एक कारोबारी से 36 करोड़ रुपये की ठगी (Cheating Businessman) भी कर ली. आर्थिक अपराध शाखा के जॉइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा के मुताबिक, गुजरात की एक कंपनी स्मार्ट बायो टॉयलेट प्राइवेट लिमिटेड के एक अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि उनकी मुलाकात पीयूष की पत्नी श्वेता से हुई. उसने बताया कि उसकी कंपनी भारत की एक बड़ी थिंक टैंक कंपनी की हेड है. यह कंपनी पूरी दुनिया में नए नए प्रयोग और तकनीक देने के लिए जानी जाती है और कोई भी सरकारी या गैर सरकारी प्रोजेक्ट हासिल कर सकती है. श्वेता ने बताया कि उनके पति पीयूष आईएफएस अफसर हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में तैनात हैं.
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श्वेता ने गुजरात की कंपनी के अधिकारियों से अपने पति के साथ दिल्ली के अशोका होटल में मीटिंग भी कराई. पीयूष ने कंपनी के अधिकारियों को बताया कि भारत सरकार के मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटी, सोलर एनर्जी जैसे बड़े प्रोजेक्ट उसी के तहत हैं. गुजरात की कंपनी के अधिकारियों ने उससे प्रभावित होकर दुबई की एक एनआरआई कंपनी मित्सुमी डिस्ट्रीब्यूटर्स से श्वेता की थिंक टैंक कंपनी में पेटेंट तकनीक लेने के नाम पर 36 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा दिए, लेकिन बाद में पता चला कि उनके साथ ठगी हो गई है.
पुलिस ने जाँच के बाद आरोपी पीयूष को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया, उसके पास से लाल बत्ती लगी एक कार भी बरामद हुई वो इसी कार से चलता था और फाइव स्टार होटल में लोगों से मीटिंग करता था. वह लोगों को बताता था वो भारत सरकार की पॉलिसी मेकर टीम में है. पीयूष इतना शातिर था कि पुलिस से बचने के लिए बार-बार घर भी बदल लेता था.
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