
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया कि उच्च सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बारे में सत्तापक्ष की ओर से की गयी टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने संसदीय प्रक्रियाओं एवं परिपाटी का उल्लंघन किया है. खड़गे का कहना है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को ‘राष्ट्रपत्नी' कहकर संबोधित किए जाने से जुड़ा विषय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल ने गुरुवार को उठाया था और इस दौरान दोनों ने सोनिया गांधी का उल्लेख किया जो राज्यसभा की सदस्य नहीं हैं.
उन्होंने नायडू को पत्र लिखकर कहा, ‘‘आप (नायडू) स्वयं संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं से अच्छी तरह अवगत हैं. यह परिपाटी रही है कि इस सदन में दूसरे सदन या उसके सदस्यों के बारे में उल्लेख अथवा आलोचनात्मक टिप्पणी नहीं की जाती.'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सीतारमण और गोयल टिप्पणियों के कुछ अंश का भी पत्र में उल्लेख किया और कहा कि दूसरे सदन के सदस्य के विशेषाधिकार से जुड़ा सवाल इस सदन में नहीं उठाया जा सकता.
खड़गे ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल द्वारा 28 जुलाई को सोनिया गांधी के संदर्भ में की गई टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाया जाए. मैं यह भी आग्रह करता हूं कि दोनों मंत्री माफी मांगें क्योंकि उन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं और परिपाटी का उल्लंघन किया है.''
अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी को लेकर वित्त मंत्री ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा था, ‘‘यह राष्ट्रपति का अपमान है. यह अस्वीकार्य है. कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष इसके लिए माफी मांगें.''
सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी इस विषय पर राज्यसभा में कांग्रेस को घेरा था. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से इस विषय पर माफी मांगने की मांग की थी और सवाल किया था, ‘‘ क्या कांग्रेस राष्ट्रपति पद को जाति-पांति के दायरे में बांधना चाहती है.''
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