प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) चाहने वाले नौकरशाह अब केंद्र द्वारा लाए गए नए सेवा नियमों के तहत तय समयसीमा में उनके आग्रह पर फैसले की आशा कर सकते हैं. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगने वाले नौकरशाहों के लिए सेवा नियमों में बड़े बदलाव का फैसला ऐसे समय किया गया है, जब कुछ नौकरशाहों ने उन्हें परेशान किए जाने की शिकायतें की थीं. कुछ नौकरशाहों ने दावा किया था कि उनके अनुरोधों को लंबे वक्त तक लंबित रखा गया. नए नियम नौकरशाहों को उनके स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति आग्रह को वापस लेने की भी अनुमति देते हैं.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार, किसी आईएएस और आईपीएस अधिकारी द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आग्रह इन अनुरोधों में उनके द्वारा बताए गए नोटिस काल से ज्यादा लंबित नहीं रखा जाएगा. नए नियमों के अनुसार, अगर संबंधित प्राधिकार किसी सेवा सदस्य द्वारा बताए गए नोटिस काल की समाप्ति से पहले कोई आदेश जारी नहीं करता है, तो उस समयावधि की तारीख के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति अमल में आ जाएगी.
नियमों के अनुसार, जब संबंधित प्राधिकार द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया जाता तो नोटिस में दी गई समयावधि की समाप्ति के बाद केंद्र सरकार आदेश जारी कर सकती है. नए नियम तीनों अखिल भारतीय सेवाओं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) पर लागू हैं. वर्तमान नियम एक सदस्य को 60 वर्ष की उम्र से पहले संबंधित राज्य सरकार को लिखित में तीन महीने का नोटिस देने के बाद उस दिन या इन अनुरोधों में दी गई बाद की किसी तारीख से सेवानिवृत्ति की अनुमति देते हैं, जिस दिन वह क्वालीफाइंग सेवा में बीस वर्ष पूरा करता है.
नियमों में कहा गया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का नोटिस वापस लेने का अनुरोध नोटिस में दिए गए समय के भीतर संबंधित प्राधिकार को सौंपा जाएगा. इससे पहले यह नियम था कि आईएएस, आईपीएस या आईएफओएस अधिकारी अपना स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का नोटिस तभी वापस ले सकता है जब 'राज्य सरकार इसे स्वीकार कर ले.'
(इनपुट भाषा से)
कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार, किसी आईएएस और आईपीएस अधिकारी द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आग्रह इन अनुरोधों में उनके द्वारा बताए गए नोटिस काल से ज्यादा लंबित नहीं रखा जाएगा. नए नियमों के अनुसार, अगर संबंधित प्राधिकार किसी सेवा सदस्य द्वारा बताए गए नोटिस काल की समाप्ति से पहले कोई आदेश जारी नहीं करता है, तो उस समयावधि की तारीख के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति अमल में आ जाएगी.
नियमों के अनुसार, जब संबंधित प्राधिकार द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया जाता तो नोटिस में दी गई समयावधि की समाप्ति के बाद केंद्र सरकार आदेश जारी कर सकती है. नए नियम तीनों अखिल भारतीय सेवाओं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) पर लागू हैं. वर्तमान नियम एक सदस्य को 60 वर्ष की उम्र से पहले संबंधित राज्य सरकार को लिखित में तीन महीने का नोटिस देने के बाद उस दिन या इन अनुरोधों में दी गई बाद की किसी तारीख से सेवानिवृत्ति की अनुमति देते हैं, जिस दिन वह क्वालीफाइंग सेवा में बीस वर्ष पूरा करता है.
नियमों में कहा गया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का नोटिस वापस लेने का अनुरोध नोटिस में दिए गए समय के भीतर संबंधित प्राधिकार को सौंपा जाएगा. इससे पहले यह नियम था कि आईएएस, आईपीएस या आईएफओएस अधिकारी अपना स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का नोटिस तभी वापस ले सकता है जब 'राज्य सरकार इसे स्वीकार कर ले.'
(इनपुट भाषा से)
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