समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में दोबारा जीत को लेकर एक तरफ जहां सपा आश्वस्त दिख रही है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सपा के गढ़ में सेंध लगाने की कवायद में जुटी हुई है। उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के साथ ही मैनपुरी संसदीय सीट के लिए भी उपचुनाव 13 सितंबर को होना है।
मैनपुरी संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुलायम ने अपने बड़े भाई के पौत्र तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। इससे पहले उपचुनाव के तहत ही मुलायम ने अपनी बहू और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की राजनीति में एंट्री कराई थी। अब वह उपचुनाव के माध्यम से ही तीसरी पीढ़ी को मैदान में उतार चुके हैं। तेज प्रताप यादव फिलहाल सपा के ब्लॉक प्रमुख हैं।
तेज प्रताप को जिताने के लिए सपा के दिग्गज नेता मैनपुरी में डेरा डाल चुके हैं। शिवपाल यादव लगातार मैनपुरी में डटे हुए हैं, जबकि मुलायम सिंह मैनपुरी में 6 और 7 सितंबर को दो दिन रहकर चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देंगे।
सपा नेता डॉ सीपी राय ने कहा, "मैनपुरी का उपचुनाव एकतरफा सपा के पक्ष में रहेगा। यहां मोदी का ढोल नहीं बजेगा। आप देखिए कि आम चुनाव से पहले इनके लिए महंगाई, कालाधन और भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा था, लेकिन सत्ता में आते ही इनके मुद्दे भी बदल गए हैं।"
इधर, बीजेपी की ओर से प्रेम सिंह शाक्य मैनपुरी से उम्मीदवार हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी की साख के सहारे वह मुलायम के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब रहेगी। उपचुनाव में प्रचार की कमान वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के हाथों में है।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहते हैं, "उपचुनाव में केंद्रीय मुद्दे तो हावी रहेंगे ही, साथ ही यहां कुशासन के खिलाफ भी लड़ाई है। इस बार यहां लड़ाई कांटे की होगी और हमें पूरा भरोसा है कि बीजेपी सपा के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब रहेगी।"
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