महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड जिले में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अपने परिवार के सदस्यों के साथ धरने पर बैठी एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. पुलिस ने प्रसूता मनीषा काले (Manisha Kale) को उसे और उसके बच्चे को अस्पताल पहुंचाने की पेशकश की लेकिन वह वहीं अड़ी रही. मनीषा काले के अनुसार निकटवर्ती गांव वासनवाडी के उसके रिश्तेदार अप्पाराव के लिए दो साल पहले राज्य की सबरी आवास योजना के तहत एक मकान मंजूर हुआ था लेकिन उसे न तो ग्राम पंचायत से जमीन मिली और न ही योजना के तहत कोई धनराशि मिली. यह योजना अनुसूचित जनजाति के लिए है.
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मनीषा काले ने गुरुवार को बताया कि परिवार ने पिछले तीन महीने में इस मुद्दे पर दो बार प्रदर्शन किया लेकिन जब उससे कोई फायदा नहीं हुआ तब वे दस दिन पहले धरने पर बैठ गये. मनीषा काले को बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी और उसने एक बाल शिशु को जन्म दिया. यह उसकी तीसरी संतान है.
एक पुलिस (Police) अधिकारी के अनुसार शिवाजी नगर थाने के निरीक्षक केतन राठौड़ यह खबर सुनकर तुरंत मौके पर एंबुलेंस लेकर पहुंचे लेकिन मनीषा ने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया. जच्चा और बच्चा का स्वास्थ्य ठीक है लेकिन परिवार शुक्रवार को भी धरने पर बैठा रहा. जिलाधिकारी राधा धर्मा ने इस संबंध में किसी कॉल या संदेश का जवाब नहीं दिया.
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