IAS पूजा खेडकर पर कसा पुलिस का शिकंजा.
नई दिल्ली:
ट्रेनी IAS पूजा खेडकर (IAS Pooja Khedkar) और उनके परिवार पर पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. न सिर्फ उनसे पूछताछ हो रही है बल्कि उनके माता-पिता की तलाश में छापेमारी भी लगातार जारी है.
- महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर (IAS Pooja Khedkar) की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. सोमवार देर रात तक वाशिम पुलिस ने करीब 2 बजे तक प्रोबेशनर IAS पूजा खेडकर से पूछताछ की. हालांकि उनसे क्या पूछताछ हुई, ये सामने नहीं आया है.
- पूजा खेडकर ने कुछ जानकारी शेयर करने के लिए वाशिम कलेक्टर भुवनेश्वरी एस से परमिशन लेकर पुलिस को फोन किया था. जिसके बाद महिला पुलिस की टीम पूजा के गेस्ट हाउस पर पहुंची थी.
- पुलिस पूजा खेडकर के की मां मनोरमा और पिता प्रवीण खेडकर की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. दोनों पर कथित तौर पर एक किसान को धमकाने का आरोप है.वाशिम पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की है.
- पुणे ग्रामीण पुलिस ने मनोरमा और दिलीप का पता लगाने के लिए तीन टीमों का गठन किया है. थाना अपराध शाखा की मदद से दोनों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
- पुणे और पुणे के बाहर पूजा खेडकर की कई संपत्तियों की तलाशी ली जा रही है. पुलिस की एक टीम मुंबई तो दूसरी टीम अहमदनगर पहुंची है.
- पुलिस का कहना है कि पूजा की मां मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर फरार हैं उनका फोन स्विच ऑफ है. ट्रेनी आईएएस पूजा की मां का पिस्तौल लहराते हुए किसानों को धमकाने का वीडियो वायरल हो रहा है.
- पूजा खेडकर की नौकरी पर अब संकट मंडरा रहा है. जिस सरकारी अस्पताल ने पूजा का मानसिक रूप से बीमार और दृष्टिबाधित होने का सर्टिफिकेट जारी किया था, उसकी रिपोर्ट मांगी गई है. इस रिपोर्ट को केंद्रीय एजेंसी को सौंपा जाएगा. इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
- पूजा खेडकर सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं. उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था.
- विवादों में घिरी पूजा का कहना है कि वह मीडिया के सामने कुछ नहीं कहेंगी. उनको जो भी कहना है वह कमेटी के सामने कहेंगी. कमेटी जो भी फैसला लेगी वह उनको मंजूर होगा. पूजा का कहना है कि सच्चाई जल्द सबके सामने आएगी.
- पूजा का कहना है , " एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में मेरी जिम्मेदारी काम करना और सीखना है और मैं यही कर रही हूं. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती. सरकार के विशेषज्ञ (समिति) ही फैसला करेंगे. न मैं, न आप (मीडिया) और न ही जनता फैसला कर सकती है."