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This Article is From May 11, 2021

कोरोना महामारी: विदर्भ क्षेत्र अभी भी चिंता का विषय, यहां के कुछ जिलों में संक्रमण दर 70% के ऊपर

नागपुर वाले विदर्भ क्षेत्र के कुछ ज़िलों में स्थिति अभी भी चिंताजनक है. विदर्भ के कुछ ज़िले 70% यहां तक कि 80% पार संक्रमण दर दर्ज कर रहे हैं.

कोरोना महामारी: विदर्भ क्षेत्र अभी भी चिंता का विषय, यहां के कुछ जिलों में संक्रमण दर 70% के ऊपर
महाराष्‍ट्र के विदर्भ क्षेत्र में कोरोना को लेकर हालात अभी भी चिंताजनक हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंंबई:

मुंबई सहित महाराष्ट्र के कुछ ज़िलों में संक्रमण पर क़ाबू हुआ है पर राज्य के विदर्भ क्षेत्र में हालात चिंताजनक हैं. भंडारा ज़िले में संक्रमण दर 82% तक जा पहुंचा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को ऐसे में यह आशंका सता रही है कि कहीं वायरस अपना रूप तो नहीं बदल रहा? ऐसे में सरकार को नए और ज़्यादा से ज़्यादा सैम्पल लेकर जीनोम सीक्‍वेंसिंग करने की ज़रूरत है. विदर्भ क्षेत्र में कोरोना के महामारी के बीच ऑक्‍सीजन रेल, टैंकर का नागपुर पहुंचना जारी है. चौराहे-नुक्कड़ पर रैंडम टेस्टिंग भी बढ़ी है. हालांकि संक्रमण को लेकर नागपुर में भी पिछले कुछ समय में हालात बेहतर हुए हैं. अस्‍पतालों के बाहर अब पहले सी भीड़ नजर नहीं आ रही. नागपुर का पॉजिटिविटी रेट 20% हैं.

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हालांकि नागपुर वाले विदर्भ क्षेत्र के कुछ ज़िलों में स्थिति अभी भी चिंताजनक है. विदर्भ के कुछ ज़िले 70% यहां तक कि 80% पार संक्रमण दर दर्ज कर रहे हैं. भंडारा में यह रेट 82%, चंद्रपुर में 70% और वर्धा 71% है. चंद्रपुर में पॉजिटिविटी रेट 70.4%, गढ़चिरोली में 61% है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रवक्‍ता डॉ. अविनाश भोंडवे ने कहा, 'महाराष्ट्र के विदर्भ के इलाक़े में परिस्थिति चिंताजनक हैं. कई ज़िले जैसे अमरावती, भंडारा, चंदरपुर, वर्धा, गढ़चिरौली में इंफ़ेक्टिविटी रेट बढ़ रहा है. अमरावती, भंडारा में काफ़ी समय से सख़्त लॉकडाउन था क़रीब 70 दिनों से बावजूद इसके कोविड के मामले नियंत्रण में नहीं आ रहे.' आईएमए के प्रवक्‍ता ने कहा कि विदर्भ के कुछ ज़िलों में वायरस में नए म्यूटेशन की आशंका है, जिसके कारण संक्रमण पर क़ाबू नहीं हो पा रहा.

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उन्‍होंने कहा, 'दिसंबर में ही देखा गया था कि ब्रिटेन से जो म्यूटंट वेरिएंट आया था वो अमरावती में मिला था. विदर्भ के बाक़ी ज़िलों में भी म्‍यूटेंट वायरस मिला था. हो सकता है कि काफ़ी तादाद में मरीज़ों के बढ़ने के बाद इस म्यूटेंट वायरस में और भी म्यूटेशन हुआ हो और उसके कारण ये कोई और नया वेरिएंट तो नहीं? ऐसी आशंका हो रही है. ऐसे में यहाँ के मरीज़ों के सैम्पल लेकर उनकी जीनोम सीक्वन्सिंग करनी चाहिए और नए म्यूटंट की आशंका दूर करनी चाहिए.कांटैक्ट ट्रेसिंग जो 5 तक अभी हो रहा है उसको 20 तक ले जाना चाहिए.'' विदर्भ के ही यवतमाल और अमरावती ज़िले के सैम्पल से डबल म्यूटेशन वायरस का पता चला था, इस नई लहर में संक्रमितों के अंदर कितने म्यूटेशन वाला वायरस गया इस पर पुख़्ता जानकारी का इंतेज़ार है. (नागपुर से विनय शुक्ला के भी इनपुट)

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