महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें सोमवार को जेल से अस्पताल ले जाया गया. जानकारी के मुताबिक, नवाब मलिक की हालत तीन दिन से खराब थी. उन्होंने स्पेशल कोर्ट के समक्ष मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की याचिका दाखिल कर रखी है. प्रवर्तन निदेशालय को उनकी बेल एप्लीकेशन पर मुंबई की स्पेशल कोर्ट में आज ही अपना जवाब दाखिल करना था. इसी बीच नवाब मलिक की हालत बिगड़ गई.उनके वकील ने कहा कि मलिक पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उनकी हालत बिगड़ने के बाद स्ट्रेचर के जरिये उन्हें आर्थर रोड जेल से जेजे हास्पिटल ले जाया गया. हालांकि ईडी ने पूछा है कि अगर महाराष्ट्र के मंत्री की हालत खराब थी तो जांच एजेंसी को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई. इस पर ईडी ने अगली तारीख पर सुनवाई की मांग की. लेकिन कोर्ट ने कहा कि आरोपी का स्वास्थ्य ज्यादा महत्वपूर्ण है. ऐसे में आगे भी सुनवाई जारी रहेगी. कोर्ट ने नवाब मलिक के स्वास्थ्य पर जेजे हॉस्पिटल से रिपोर्ट मांगी और 5 मई को वो ये तय करेगी कि क्या उन्हें किसी निजी अस्पताल में शिफ्ट किया जाना चाहिए.
The court has sought a report on Nawab Malik's health from JJ Hospital & will hear on May 5 if the NCP leader should be shifted to a pvt hospital.
— ANI (@ANI) May 2, 2022
The court allowed Malik's daughter Nilofar & son-in-law, Sameer Khan, to meet him in the hospital, after Malik's lawyer's request.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक की तत्काल रिहाई की याचिका को खारिज कर दिया है. दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार मलिक की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि वो अभी दखल नहीं देंगे. वो जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं. पीठ ने कहा कि जांच के इस चरण में हम मामले में दखल देने के इच्छुक नहीं है. हम इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. वहीं नवाब मलिक की जेल हिरासत भी 6 मई तक के लिए बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट की टिप्पणियां केवल इस तक सीमित हैं कि अंतरिम राहत दी जानी थी या नहीं. ये कानून में उपलब्ध उपचारों का सहारा लेने के रास्ते में नहीं आएगा.
वहीं नवाब मलिक की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें 2022 में कैसे गिरफ्तार किया गया, जब मामला 1999 का है ? स्पेशल कोर्ट 5000 पेज की चार्जशीट के चलते जमानत नहीं देगा. पहली नजर में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है. ये PMLA केस नहीं बनता. मलिक ने बांबे हाईकोर्ट के याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी और सुप्रीम कोर्ट से तत्काल रिहाई की मांग की थी. मलिक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था. उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्रवर्तन निदेशालय ( ED) की कार्रवाई रद्द करने और रिहा करने की मांग की थी.
नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के कुर्ला स्थित मुनिरा प्लंबर की 300 करोड़ रुपए की जमीन 30 लाख रुपये में खरीदी थी और उसमें भी पेमेंट 20 लाख रुपए का किया गया था. इस जमीन के मालिक को एक रुपया नहीं दिया गया. बल्कि उनसे ये जमीन पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधित और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी व्यक्तियों के नाम करवाई गई. नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक के नाम ये जमीन ले ली गई. इसके बदले में दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के खाते में पचास लाख रुपये ट्रांसफर किए गए.
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