महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (former Maharashtra minister Anil Deshmukh) के वकील उनके खिलाफ जांच को प्रभावित करने की कोशिश के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच के घेरे में हैं. सूत्रों ने कहा कि उन पर एजेंसी के सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को उकसाने का संदेह है. सूत्रों ने बताया कि वकील आनंद डागा से पूछताछ की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पिछले हफ्ते एक प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट के लीक होने के बारे में एक नया मामला दर्ज किया गया था, जहां जांच अधिकारी ने देशमुख के खिलाफ जांच को बंद करने की सिफारिश करते हुए कहा कि उन्होंने "कोई संज्ञेय अपराध नहीं" किया है.
देशमुख मामले में जांच अधिकारी की रिपोर्ट रद्द करने के आरोपों पर CBI ने दी सफाई
जांच से पता चला कि देशमुख के खेमे ने एजेंसी के अधिकारियों से संपर्क करके जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी. जांच रिपोर्ट के लीक होने पर एजेंसी ने शुरुआत में देशमुख के दामाद से पूछताछ की थी. डागा से अब पूछताछ की जा रही है. पिछले हफ्ते, जांच अधिकारी की सिफारिशों के खिलाफ देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज करने की रिपोर्ट के बाद एजेंसी ने कहा कि मामला उच्च न्यायालय के एक आदेश के जवाब में दायर किया गया था.
सूत्रों ने कहा कि मामले को बंद करना सिर्फ "आईओ की सिफारिश थी, पुलिस अधीक्षक और उससे ऊपर के रैंक के मामले के पर्यवेक्षी अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की." मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में, अनिल देशमुख ने अप्रैल में नैतिक आधार का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया था. सिंह के आरोपों की जांच के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस्तीफा आया.
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