Maharashtra: हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले जांच आयोग (Inquiry commission)ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh)पर उसके समक्ष पेश न होने के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government)ने इस साल मार्च में सिंह द्वारा राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल के एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था. सरकार के एक वकील ने गुरुवार को बताया कि सिंह के बुधवार को आयोग के समक्ष पेश न होने पर उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. पिछली सुनवाई के दौरान जांच आयोग ने सिंह को उसके समक्ष पेश होने के लिए 'आखिरी मौका' दिया था.
गौरतलब है कि यह दूसरी बार है जब परमबीर सिंह पर जुर्माना लगाया गया है. जून में आयोग ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को समन भेजे जाने के बावजूद उसके समक्ष पेश न होने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना भरने को कहा था. यह धनराशि मुख्यमंत्री के कोविड-19 राहत कोष में जमा की जानी है.
मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने और मार्च में होम गार्ड्स में तबादला किए जाने के कुछ दिनों बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों से मुंबई में रेस्त्रां तथा बार मालिकों से पैसा लेने के लिए कहते थे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे हैं.
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