एक मॉडल से रेप करने के आरोपी महाराष्ट्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सुनील पारस्कर को सस्पेंड कर दिया गया। राज्य के गृह विभाग ने आज उनको निलंबित करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे स्विकार कर लिया गया।
हालांकि इससे पहले मुंबई की एक अदालत ने हाल में यह कहते हुए उन्हें अग्रिम जमानत दी थी कि शिकायतकर्ता के व्यवहार और पारस्कर के साथ उसके ईमेल संदेशों के आदान-प्रदान से उनके बीच सहमति के संकेत मिलते हैं।
उपनगरीय मालवानी पुलिस ने जुलाई में पारस्कर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (पुलिस अधिकारी द्वारा बलात्कार), 376सी (जेल, रिमांड होम इत्यादि के अधीक्षक द्वारा संभोग) और 354 डी (पीछा करना) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके एक हफ्ते बाद पारस्कर ने जमानत याचिका दायर की थी।
शिकायतकर्ता, 25 वर्षीय माडल ने आरोप लगाया था कि 57 वर्षीय पारस्कर ने दिसंबर 2013 में दो बार उसका यौन उत्पीड़न किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार वह पहली बार 2012 पारस्कर से एक केस के सिलसिले में मिली थी। तब वह अतिरिक्त पुलिस आयुक्त थे। हालांकि पारस्कर के वकील की दलील है कि ये आरोप झूठे हैं। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराने में विलंब रेखांकित किया।
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