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This Article is From Mar 15, 2023

महाराष्ट्र: OPS की मांग पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए 17 लाख सरकारी कर्मचारी

यह हड़ताल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा वरिष्ठ नौकरशाहों की एक समिति गठित करने की घोषणा के एक दिन बाद हुई है.

महाराष्ट्र: OPS की मांग पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए 17 लाख सरकारी कर्मचारी
राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाबत एक समिति गठित करने पर जोर दिया है.
मुंबई:

महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर राज्य के करीब 17 लाख सरकारी कर्मचारी मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. इससे प्रशासन और कई सेवाएं प्रभावित हुईं. यह हड़ताल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा वरिष्ठ नौकरशाहों की एक समिति गठित करने की घोषणा के एक दिन बाद हुई है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि समिति राज्य सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू करने की मांग पर विचार करेगी और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगी.

राज्य सरकार और नगर निकायों के अस्पतालों में कार्यरत पैरामेडिक, सफाईकर्मी और शिक्षक भी हड़ताल में शामिल हैं. शिक्षक ऐसे समय हड़ताल में शामिल हुए हैं जब राज्य में 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं हो रही हैं. सोमवार को सरकार और कर्मचारी संघों के बीच हुई वार्ता असफल होने के बाद कर्मचारी हड़ताल पर गए. कर्मचारियों ने मंगलवार को सरकारी कार्यालयों व अस्पतालों के सामने ‘केवल एक मिशन, बहाल करो पुरानी पेंशन' जैसे नारे लगाए.

राज्य सरकार के कर्मचारियों, अर्द्ध-सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के करीब 35 संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली समिति के संयोजक विश्वास काटकर ने दावा किया कि उनके सदस्य महाराष्ट्र के सभी 36 जिलों में हड़ताल और प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं. काटकर ने दावा किया, ‘‘अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, सरकारी प्रतिष्ठानों, कर कार्यालयों और यहां तक जिला कलेक्टर कार्यालयों में काम पूरी तरह ठप रहा.''

उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की मांग से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, जिसके तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार द्वारा दी जाती है और इसे बहाल किया जाना चाहिए. पुरानी पेंशन (सशस्त्र बलों को छोड़कर) वर्ष 2004 से बंद है और नये कर्मचारियों पर नयी पेंशन योजना लागू है, जो अंशदान आधारित योजना है.

महाराष्ट्र नर्सेज एसोसिएशन की सुमित्रा टोटे ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन उनकी 30 जिलों में मौजूद 34 शाखाओं की सदस्यों ने हिस्सा लिया. हालांकि, अस्पतालों सहित मुंबई में सरकारी सेवांए मोटे तौर पर अप्रभावित रहीं. जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले ने बताया कि चार अस्पतालों का संचालन करने वाला सरकारी जेजे समूह व्यापक तौर पर अप्रभावित रहा.

बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के कर्मचारी संघ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्होंने हड़ताल का समर्थन किया है, लेकिन उसमें हिस्सा नहीं लिया. प्रमुख मजदूर नेता एवं निकाय के मजदूर संगठन के प्रमुख शशांक राव ने कहा कि संगठन ने बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है और एक प्रति मुख्यमंत्री शिंदे को भेजी है.

पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का समर्थन किया और कहा कि सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए. आम आदमी पार्टी ने भी कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया है.

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