महाराष्ट्र सरकार ने समूचे राज्य में खुले में शौच पर लगाम कसने और ऐसा करने वाले लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए दस्ते बनाने का निर्णय किया है. शुक्रवार को जारी एक सरकारी संकल्प यानी जीआर में कहा गया है कि इन ‘गुड मॉर्निंग’ टीमों से कहा गया है कि वे न सिर्फ उन इलाकों में निगरानी करें जहां यह चलन अब भी चल रहा है, बल्कि यह भी देखें कि क्या लोगों की पहुंच शौचालयों तक है या नहीं.
इसमें कहा गया है कि इन टीमों में स्थानीय निकाय, स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संगठन, छात्रों के प्रतिनिधि और क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे. इन टीमों को शौचालयों के लंबित निर्माण का मामला स्थानीय निकाय के समक्ष उठाने और काम में तेजी लाने में मदद करने की शक्ति होगी.
सरकारी फैसले में कहा गया कि अगर टीम को ऐसे लोग मिलते हैं जो शौचालय की सुविधा होने के बावजूद खुले में शौच के लिए जाते हैं तो यह उन पर भारी जुर्माना लगाएगी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान के तहत 'खुले में शौच मुक्त भारत' अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए सरकार की ओर से गांवों में शौचालय भी बनवाए जा रहे हैं. लेकिन अभी कई जगहों पर यह काम पूरा नहीं हो पाया है और इसको लेकर लोगों में जागरुकता की कमी भी है. वहीं यह योजना भी अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार से अछूती नहीं है.
( इनपुट आईएनएस से)
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