अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा.. क्या पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सत्ता पर काबिज होंगे या फिर कमला हैरिस को मौका मिलेगा? अमेरिका 5 नवंबर को नए राष्ट्रपति को चुनेगा. इससे पहले मतदाताओं को लुभाने की कोशिशों में रिपब्लिकन्स और डेमोक्रेट्स जुटे हुए हैं. भारत में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों के समर्थक नजर आ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत के लिए आध्यात्मिक नेता महामंडेलश्वर स्वामी वेदमुतिनंद सरस्वती ने हवन और अनुष्ठान किया.
हवन के दौरान लोग अपने हाथों में डोनाल्ड ट्रंप की फोटो लिए हुए नजर आए. ये हवन पूरे विधि-विधान के साथ किया गया. मंत्रोचारण हो रहा था, घंटी और शंख बज रहा था. इस दौरान एक पंडित के हाथों में डोनाल्ड ट्रंप की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी फोटो नजर आई. बता दें कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छे संबंध हैं, ये कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नजर भी आया है. इधर, कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं. वह दक्षिण भारत के एक गांव से हैं. ऐसे में कमला हैरिस के भी काफी समर्थक भारत में मौजूद हैं.
WATCH | Delhi: Spiritual leader Mahamandelshwar Swami Vedmutinand Saraswati performs hawan and rituals for the victory of former US President #DonaldTrump in the US presidential elections.#USElections2024 pic.twitter.com/KwxvXEaSAn
— TIMES NOW (@TimesNow) November 4, 2024
वैसे भी अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला और सैन्य रूप से सबसे ताकतवर देश है. साथ ही यह कई अंतरराष्ट्रीय सामरिक गठबंधनों, आर्थिक व वित्तीय प्रणालियों और दुनिया के कई महत्वपूर्ण संस्थानों का केंद्र है. वहीं, यह अमेरिकी इतिहास का एक बहुत महत्वपूर्ण चुनाव है. इस चुनाव से यह तय होगा कि देश का शासन कैसे चलेगा. साथ ही इस चुनाव का मध्य-पूर्व में जारी जंग और यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म होने के बाद की व्यवस्था पर भी बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ सकता है.
फिर ये चुनाव दो ऐसे उम्मीदवारों के बीच है, जिनका दुनियावी मामलों पर एक दूसरे से विपरीत रुख है. एक ओर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप हैं, जो चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के मामलों में अमेरिका की भूमिका पूरी तरह खत्म होनी चाहिए तो दूसरी ओर डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस चाहती हैं कि अमेरिका का दखल बढ़ना चाहिए. अगर हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो संभावना है कि अमेरिका मिसाल के तौर पर, नाटो जैसे संगठनों में अपनी भूमिका निभाता रहेगा.
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