मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने से यह मामला फिर गरमा गया है. वीडियो लीक होने से उठ रहे सवालों के बीच राज्य सरकार का कहना है कि इस हाई-प्रोफाइल सेक्स कांड की जांच को लेकर उसके इरादों में खोट नहीं है और मामले का कोई भी दोषी कानून से बच नहीं सकेगा. मीडिया की खबरों में अप्रमाणित दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो में हनी ट्रैप कांड की गिरफ्तार आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन (48) सूबे की बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के साथ दिखाई दे रही है. शर्मा राज्य के कुख्यात व्यापम घोटाले में आरोपों का सामना कर चुके हैं.
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जैन मामले के 5 अन्य आरोपियों के साथ न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद है. विवादास्पद वीडियो को देखने पर पहली नजर में लगता है कि इसे खुफिया कैमरे से रिकॉर्ड किया गया था. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कैमरे में कब कैद किया गया. इस वीडियो के लीक होने के बारे में पूछे जाने पर राज्य के गृह मंत्री बाला बच्चन ने शर्मा का नाम लिये बगैर मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "हनी ट्रैप मामले में जो भी लोग शामिल हैं, उन सब पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी. इस मामले का कोई भी दोषी कानून से बच नहीं पाएगा." उन्होंने हनी ट्रैप मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाते हुए कहा, "अगर हमारे इरादों में कोई खोट होती, तो इस मामले में प्राथमिकी ही दर्ज नहीं होती."
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कई प्रयासों के बावजूद विवादास्पद वीडियो पर शर्मा की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। संबंधित वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी है. बहरहाल, सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने वीडियो के बहाने भाजपा पर निशाना साधने में देर नहीं की. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, "इस आपत्तिजनक वीडियो से चाल, चरित्र और चेहरे का जुमला उछालने वाली बीजेपी की हकीकत सबके सामने आ गई है." उधर, भाजपा ने विवादास्पद वीडियो से संबंधित मामले से पल्ला झाड़ लिया है. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा, "लक्ष्मीकांत शर्मा फिलहाल भाजपा के सदस्य ही नहीं है. ऐसे में उनके व्यक्तिगत जीवन की विषयवस्तु पर हम कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे."
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गौरतलब है कि इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह (60) की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था. श्वेता स्वप्निल जैन समेत गिरोह की पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था. गिरोह पर आरोप है कि वह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने "शिकारों" को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था.
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