विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 10, 2023

मध्य प्रदेश: विधायक दल का नेता चुनने के लिए BJP विधायकों की बैठक सोमवार को

इस बार, भाजपा ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा. चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

Read Time: 4 mins
मध्य प्रदेश: विधायक दल का नेता चुनने के लिए BJP विधायकों की बैठक सोमवार को
भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं.
भोपाल:

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायक सोमवार को विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक करेंगे. भाजपा ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीट जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही.

भाजपा ने चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर किसी को पेश नहीं किया था और एक तरह से पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर टिका था.

एक विधायक ने कहा कि बैठक सोमवार शाम चार बजे शुरू होने की उम्मीद है और शाम सात बजे तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है.

पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों के पूर्वाह्न 11 बजे यहां पहुंचने की उम्मीद है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा शामिल हैं. विधायक ने कहा, ‘‘हमें दोपहर एक बजे दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया गया है। बैठक शाम चार बजे शुरू होगी.''

वर्ष 2004 के बाद से यह तीसरी बार है, जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं. अगस्त 2004 में, जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था.

नवंबर 2005 में, जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, तो विधायकों को नया मुख्यमंत्री चुनने में मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था. उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था.

इस बार, भाजपा ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा. चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

चौहान की तरह ओबीसी समुदाय के प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिमनी के नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र तोमर, इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य इकाई के प्रमुख वी डी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं.

वर्ष 2003 के बाद से, मध्य प्रदेश में भाजपा के सभी तीन मुख्यमंत्री, अर्थात उमा भारती, बाबूलाल गौर और चौहान, अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं। मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 48 फीसदी है.

पटेल, तोमर, विजयवर्गीय, शर्मा और सिंधिया पहले ही नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से भी मुलाकात की.

ये भी पढ़ें-  "करोड़ों भारतीयों का सपना..." : महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे ने राम मंदिर निर्माण के लिए PM मोदी का किया धन्यवाद

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Three Criminal Law: क्राइम होने पर घर बैठे FIR कैसे लिखवाएं, यहां जानें पूरा प्रोसेस
मध्य प्रदेश: विधायक दल का नेता चुनने के लिए BJP विधायकों की बैठक सोमवार को
नीट परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को भेजा नोटिस, कोचिंग सेंटर से भी पूछा सवाल
Next Article
नीट परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को भेजा नोटिस, कोचिंग सेंटर से भी पूछा सवाल
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;