- UP के मनु श्रीवास्तव के बेटे को कैंसर है. जान बचाने के लिए उन्होंने रूसी सरकार को पत्र लिखकर अपील की है.
- उन्होंने बताया कि रूस में कैंसर वैक्सीन उपलब्ध है. रूसी सरकार से बेटे पर वैक्सीन ट्रायल का अनुरोध किया है.
- उन्हें बताया कि रूस की सरकार ने इसे आगे की प्रक्रिया के लिए अपने स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा है.
उत्तर प्रदेश के मनु श्रीवास्तव के 21 साल के बेटे अंश श्रीवास्तव को कैंसर है. अपने बेटे की जान बचाने के लिए उन्होंने रूस की सरकार से अपील की है, जिस पर रूसी सरकार ने संवेदनशील रुख अपनाया है. मनु श्रीवास्तव ने एएनआई को बताया कि रूस में कैंसर की वैक्सीन उपलब्ध है, इसलिए उन्होंने रूस की सरकार से अपने बेटे पर इस टीके का परीक्षण करने का अनुरोध किया. अभी तक भारत में यह वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.
उन्होंने एएनआई को बताया कि मैंने उनसे अनुरोध किया था क्योंकि मेरे बेटे को चौथी स्टेज का कैंसर है. उसका यहां इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि मैं चिंतित था क्योंकि कोई निश्चितता नहीं थी. इसलिए जब मुझे पता चला कि रूस में एक वैक्सीन विकसित की गई है, जो कैंसर के इलाज में बहुत प्रभावी साबित हो रही है तो मैंने भारत सरकार और रूसी सरकार को पत्र लिखे. जवाब में कहा गया कि मेरा अनुरोध विचाराधीन है और रूसी सरकार ने इसे आगे की प्रक्रिया के लिए अपने स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है."
पीएम मोदी और सीएम योगी को भी लिखा पत्र
उन्होंने कहा, "हमने भारत सरकार को भी पत्र लिखा, वहां से भी एक पत्र आया है. इसमें कहा गया कि रूस में निर्मित वैक्सीन अभी केवल रूस में ही लगाई जा रही है. परीक्षण करने वाले लोग स्थानीय हैं. इसलिए हमें और किसी अन्य देश को अभी तक परीक्षण करने की अनुमति नहीं मिली है."
मनु श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही रूस और दक्षिण कोरिया के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उनके बेटे अंश को रूस में विकसित की जा रही कैंसर वैक्सीन के परीक्षण में शामिल किया जाए.
इस अपील के जवाब में 27 अक्टूबर को रूसी सरकार से एक आधिकारिक पत्र प्राप्त हुआ है.
प्रीक्लिनिकल ट्रायल में सफलता का दावा
रूस की न्यूज एजेंसी तास की 7 सितंबर की रिपोर्ट में बताया गया कि फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी की प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने पूर्वी आर्थिक मंच में घोषणा की कि रूस की कैंसर वैक्सीन ने प्रीक्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं, जिसमें सुरक्षा और हाई एफिशिएंसी देखने को मिली है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रीक्लिनिकल परिणामों ने वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा को कंफर्म किया है. शोधकर्ताओं ने ट्यूमर के आकार में कमी और ट्यूमर के बढ़ने की गति में कमी देखी, जो रोग के आधार पर 60% से 80% तक थी. इसके अतिरिक्त अध्ययनों ने टीके के कारण जीवित रहने की दर में वृद्धि का संकेत दिया है.
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