कांग्रेस (Congress) ने आगामी लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के लिए मंगलवार को अपने चुनावी घोषणा पत्र के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया जो 'न्याय के पांच स्तंभों' पर केंद्रित रहने वाला है और जिसमें पार्टी 'रोजगार का अधिकार' (Right to Employment) देने, पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून बनाने, जाति जनगणना कराने तथा 'अग्निपथ' योजना को खत्म करने जैसे कई बड़े वादे कर सकती है.
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मध्य प्रदेश के बदनावर में एक सार्वजनिक रैली के दौरान 'रोजगार के अधिकार' पर घोषणा करने की संभावना है. इस सभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों मौजूद रहेंगे. एक सूत्र ने कहा, 'यह पहली बार है कि देश के युवाओं को 'रोजगार का अधिकार' देने की ऐसी योजना लाई जाएगी और युवाओं को कुछ भत्ता भी दिया जा सकता है.'
सूत्रों के अनुसार, पार्टी देश में पेपर लीक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानून और सजा का प्रावधान करेगी और अपने घोषणापत्र में सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता लाने के उपाय सुझाएगी. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाली घोषणा पत्र समिति ने चुनावी मुद्दों के संदर्भ में लंबी मंत्रणा की है.
पार्टी की घोषणापत्र समिति में प्रियंका गांधी वाद्रा, शशि थरूर, जयराम रमेश और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं. समिति के प्रमुख सदस्यों ने मंगलवार दोपहर पार्टी मुख्यालय में बैठक की और दस्तावेज के मसौदे को अंतिम रूप दिया. उनकी सोमवार को भी यहां बैठक हुई थी. समिति के बैठक के बाद चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने घोषणापत्र का मसौदा तैयार कर लिया है. अब यह कांग्रेस कार्य समिति के पास जाएगा जहां इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि बुधवार को वह और समिति के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करके उन्हें इस घोषणा पत्र का मसौदा सौंपेगे. सूत्रों ने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र युवाओं, महिलाओं, गरीबों और किसानों को सशक्त बनाने पर केंद्रित होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी पेपर लीक के खतरे से निपटने के लिए एक योजना पर विचार कर रही है और सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए उसके अपना दृष्टिकोण पेश करने की संभावना है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में पेपर लीक की हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक ठोस योजना तैयार कर रही है और जल्द ही एक दृष्टिकोण लोगों के सामने रखेगी. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि युवाओं का भविष्य ‘इंडिया' गठबंधन की प्राथमिकता है.
चुनाव से पहले बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों को बड़े पैमाने पर उठाने के बाद कांग्रेस जर्मनी जैसे कुछ विकसित देशों की तर्ज पर युवाओं के लिए एक योजना की घोषणा कर सकती है. इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण और साथ ही साथ एक निश्चित मानदेय दिया जाता है.
घोषणापत्र में जोर 5-न्याय (न्याय के पांच स्तंभ) पर होने की संभावना है, जिसका वादा कांग्रेस ने पार्टी नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान किया था. कांग्रेस के न्याय के पांच स्तंभ युवा न्याय, भागीदारी न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय और श्रमिक न्याय हैं.
सूत्रों का कहना है कि पार्टी न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने और सरकारी रिक्तियों को भरने के लिए देश में जाति-आधारित जनगणना का वादा करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. कांग्रेस कुछ कल्याणकारी उपायों पर जोर दे सकती है जैसे कि समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना कि उन्हें न्याय मिले और वो राज्य कल्याण उपायों का हिस्सा बनें. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सेना में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' को भी खत्म करने और पुरानी भर्ती प्रक्रिया को बहाल करने का वादा कर सकती है.
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