अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को बीजेपी ने इस चुनाव में मुद्दा बना बनाया. इस मुद्दे ने देश के दूसरे हिस्से में बीजेपी की कितनी मदद की इसका आकलन तो बाद में होगा.लेकिन जहां यह मंदिर बन रहा है, उस फैजाबाद ने इस मुद्दे को हवा नहीं दी. अयोध्या फैजाबाद सीट के तहत आता है. इस सीट पर बीजेपी हार की ओर बढ़ रही है.वहां सपा के अवधेश प्रसाद बीजेपी के लल्लू सिंह पर 55 हजार से अधिक वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं.
जनरल सीट पर दलित उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा प्रयोग करते हुए मंदिरों के इस शहर से एक दलित को उम्मीदवार बनाया था.उसकी यह रणनीति काम कर गई है. वहीं अयोध्या से बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह का संविधान बदलने को लेकर दिया गया बयान भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है.
चुनाव आयोग के ताजा हिंदुत्व की राजधानी मानी जाने वाली सीट अयोध्या में बीजेपी हार की कगार पर है.राम मंदिर के निर्माण और कई विकास परियोजनाओं के बाद भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह पर बढ़त बनाए हैं.
कौन से मुद्दे ने किया काम
अयोध्या के जानकारों के मुताबिक जातिगत समीकरण और अयोध्या के विकास के लिए जमीनों का अधिग्रहण को लेकर जनता में जबरदस्त नाराजगी है.इसके साथ ही कांग्रेस का आरक्षण और संविधान का मुद्दा काम कर गया.लल्लू यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो संविधान में बदलाव के लिए बीजेपी को 400 से अधिक सीटें जिताने की बात कर रहे थे.वहीं बसपा का कमजोर होना भी सपा की बढ़त में बड़ा काम किया.
कांग्रेस-सपा के जिस गठबंधन को 2017 में नहीं चल पाया था, वह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जमकर वोट बटोरे हैं. उत्तर प्रदेश के जानकारों के मुताबिक इस चुनाव में मुस्लिम वोट ने एकजुट होकर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया. संविधान और आरक्षण बचाने के मुद्दे को हवा देकर इंडिया गठबंधन ने बीजेपी के कोर हिंदू वोट बैंक को भी बांट दिया. विपक्ष के इस नैरेटिव ने बड़ी संख्या दलितो, पिछड़ों और आदिवासियों को बीजेपी से दूर किया.महंगाई और बेरोजगार के मुद्दे ने भी का मुद्दा भी काम करता दिखा.
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