कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra)अब सब कुछ छोड़कर रायबरेली (Raebareli)और अमेठी (Amethi)में चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालेंगी.वो सोमवार को वहां पहुंच सकती हैं. कांग्रेस हर हाल में अमेठी और रायबरेली में लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है.रायबरेली से राहुल गांधी (Rahul Gandhi)और अमेठी से गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा (Kishori Lal Sharma) चुनाव मैदान में हैं.इन दोनों सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा.
कांग्रेस ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए शुक्रवार को अमेठी और रायबरेली से अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया था.कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी 2004 से रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीतती आ रही थीं. लेकिन अब उन्होंने राज्य सभा का रास्ता चुना है. वो राजस्थान से राज्य सभा के लिए चुनी गई हैं.कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में केवल रायबरेली सीट ही जीत पाई थी.रायबरेली से इस बार राहुल गांधी उम्मीदवार बनाए गए हैं.
रायबरेली और अमेठी की लड़ाई
अमेठी में राहुल गांधी को 2019 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.उन्होंने भाजपा की स्मृति ईरानी ने 55 हजार से अधिक वोटों से हराया था.राहुल ने 2019 का चुनाव दो जगह से लड़ा था.वो केरल के वायनाड से चुनाव जीत गए थे. कांग्रेस ने इस बार अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. शर्मा का मुकाबला भाजपा की स्मृति ईरानी से है.
प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी ने चुनाव होने तक कैंप कर सकती हैं. रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए वो दोनों सीटों पर आक्रामक चुनाव प्रचार करेंगी. कांग्रेस रायबरेली में अपनी जीत की लय बनाए रखना चाहती है तो अमेठी को हर हाल में वापस पाना चाहती है.
राहुल गांधी देशभर में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव अभियान चलाएंगे, वहीं प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगी.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी इस दौरान सैकड़ों नुक्कड़ सभाएं करेंगी और घर-घर जाकर जनसंपर्क करेंगी.वो रायबरेली के एक गेस्ट हाउस में रहकर दोनों चुनाव क्षेत्रों की कमान संभालेंगी.इस दौरान वो केंद्रीय नेताओं के इन दोनों क्षेत्रों में दौरे का समन्वय भी करेंगी. इसके पहले के चुनाव में भी प्रियंका गांधी इन दोनों सीटों पर यह जिम्मेदारी उठा चुकी हैं.
रायबरेली और अमेठी का इतिहास
राहुल और प्रियंका गांधी के दादा फिरोज गांधी आजादी के बाद हुए पहले चुनाव में रायबरेली से ही चुनाव जीते थे. वो 1957 का चुनाव भी रायबरेली से ही जीते थे.वहीं राहुल-प्रियंका की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1967 और 1971 के चुनाव में वहां से सांसद चुनी गईं, लेकिन 1977 के चुनाव में उन्हें जनता पार्टी के राजनरायाण के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. वो 1980 के चुनाव में एक बार फिर रायबरेली पर कब्जा जमाने में कामयाब रहीं. अब तक हुए लोकसभा चुनावों में केवल तीन बार ही विपक्षी दल रायबरेली से जीत हासिल कर पाए हैं.
वहीं अगर अमेठी की बात करें तो वहां से गांधी परिवार के संजय गांधी पहली बार 1980 में चुनाव जीते थे. साल 1984 से लेकर 1991 तक राजीव गांधी सांसद चुने गए. उनके निधन के बाद गांधी परिवार के वफादार कैप्टन सतीश शर्मा वहां से दो बार सांसद चुने गए. इसके बाद 1999 में सोनिया गांधी अमेठी से सांसद चुनी गई थीं. उसके बाद 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में राहुल गांधी ने वहां से जीत दर्ज की थी. लेकिन 2019 के चुनाव में राहुल गांधी को हार का सामान करना पड़ा था.
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