कांग्रेस ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में युद्ध स्तर पर योगदान के लिए शुक्रवार को एक रणनीति बनाई जिसमें पार्टी के समूचे संगठन, नेटवर्क और कार्यकर्ताओं का राष्ट्रव्यापी इस्तेमाल होगा. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कोरोना वायरस विरोधी रणनीति (कोरोना एक्शन स्ट्रेटजी) को अंतिम रूप दिया गया. इसके साथ ही सोनिया ने इस बात पर जोर दिया कि देश में कोरोना वायरस को हराने के लिए बड़े पैमाने पर जांच होनी चाहिए. कांग्रेस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोनिया ने पीसीसी अध्यक्षों के साथ कोरोना वायरस संकट पर करीब तीन घण्टे तक चर्चा की. इस चर्चा का नतीजा यह रहा कि कोविड-19 संकट से निपटने के लिए सभी राज्यों में कोरोना वायरस रोधी रणनीति तैयार की गयी जिसका मकसद कांग्रेस के व्यापक संगठन, कार्यकर्ताओं और नेटवर्क का कोविड-19 के खिलाफ युद्ध स्तर पर इस्तेमाल करना है.
बैठक में हर पीसीसी अध्यक्ष की बात को सुना गया और इस पर चर्चा हुई। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस बैठक का संचालन किया. सोनिया ने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना वायरस की बड़े पैमाने पर जांच की जरूरत है. उन्होंने कहा, "भारत में कोरोना वायरस की जांच की दर दुनिया के कई देशों के मुकाबले बहुत कम है और सरकार जांच की संख्या बढाने की जरूरत को पूरा करने में विफल रही है." कांग्रेस कार्य समिति में कोरोना वायरस संकट के खिलाफ तय रोडमैप का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच की विश्वसनीय व्यवस्था हो और हर नागरिक को जांच की सुविधा तेजी से मिल सके.
उच्चतम न्यायालय के एक हालिया आदेश का हवाला देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता लोगों की मुफ्त जांच होना सुनिश्चित करें. उन्होंने स्वस्थ्यकर्मियो को जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने की मांग दोहराते हुए कहा कि इन्हें उचित वित्तीय सुरक्षा कवर भी मिलना चाहिए. सोनिया के साथ पीसीसी अध्यक्षों की इस बैठक में सरकार को कुछ सुझाव भी दिए गए. मसलन, हर जनधन खाते में 7500 रुपये डाला जाए, गरीब परिवार के हर सदस्य के हिसाब से 10 किलोग्राम मुफ्त राशन दिया जाए और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को विशेष सुरक्षा दी जाए. पार्टी ने किसानों और मजदूरों को विशेष सहायता मुहैया कराने का भी सुझाव दिया. बैठक की शुरुआत में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मैंने और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री जी को चिट्ठियां लिख कर कुछ सुझाव भी दिए. हमें आशा है कि सरकार इस चुनौती का सामना करने के लिए योजना बनाएगी." उन्होंने कहा कि सबसे ज़्यादा पीड़ा और परेशानी ग़रीबों, किसानों और मज़दूरों को हो रही है.
सोनिया के मुताबिक ‘‘लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही ज़्यादा भार पड़ने वाला है. पहले से ही अर्थव्यवस्था संकट में थी, अब और मुश्किलें बढ़ेंगी. इन परिस्थितियों के लिए हमें तैयार होना पडे़गा. जनता के दुख में जनता का साथ देना होगा और उनकी परेशानियों को दूर करने का पूरा प्रयास करना होगा."
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