चाचा और भतीजे के बीच उपजे तनाव के कारण लोक जनशक्ति पार्टी दो फाड़ हो चुकी है. दोनों ही गुट पार्टी पर अपना अधिकार साबित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. पहले पशुपति कुमार पारस खेमे ने सांसदों के साथ मिलकर पार्टी पर अपना दावा ठोकते हुए चिराग को अध्यक्ष पद से हटा दिया तो वहीं दूसरी तरफ चिराग ने पांचों सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इस पूरे मामले पर पशुपति पारस खुलकर भतीजे के खिलाफ बोलते हुए नजर आए. NDTV से बातचीत में उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर किस अधिकार के तहत सांसदों को पार्टी से बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा कि यही उनकी (चिराग पासवान) विशेषता है जिसके कारण पूरा देश आज उनपर हंस रहा है. पार्टी संविधान की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी सदस्य को दलविरोधी गतिविधि के आधार पर निकालने से पहले नोटिस दिया जाता है.
बकौल पशुपति कुमार पारस, चिराग ने जो भी आरोप हम लोगों पर लगाए हैं वह गलत हैं.हम सबने मिलकर फैसला किया है उसे चुनाव आयोग नें सबमिट कर दिया है, जिसके पास बहुमत होगा एलजेपी पर उसका अधिकार होगा. उन्होंने कहा कि जनता जिसको चाहेगी, एलजेपी पर उसका हक होगा. बताते चलें कि इस पूरे मामले को लेकर चिराग पासवान आज प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं, उम्मीद जताई जा रही है वह इस मामले पर खुलकर अपना पक्ष रखेंगे.
चाचा भतीजे का मनमुटाव अब तक सामने खुलकर नहीं आया था. कल चिराग पासवान द्वारा लिखे गए पुराने पत्र के सामने आने के बाद दोनों ही खेमे आक्रामक हो गए हैं. पार्टी के कार्यकर्ता अपने अपने नेताओं के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, इसी कड़ी में आज पशुपति कुमार के आवास पर भी चिराम समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं