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2 years ago
नई दिल्ली:

NDTV और डेटॉल की पहल पर 'बनेगा स्वस्थ इंडिया' के आठवें सीजन का आयोजन किया गया. इसके तहत 12 घंटे का 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन चलाया गया. अभियान के ब्रांड एम्बेस्डर अमिताभ बच्चन ने इसकी शुरुआत की. एनडीटीवी - डेटॉल बनेगा स्वच्छ भारत पहल के माध्यम से साल 2014 से स्वच्छ और स्वस्थ भारत की दिशा में काम कर रहा है, जिसका नेतृत्व सदी के महानायक अमिताभ बच्चन करते रहे हैं. अभियान के सीजन 8 का उद्देश्य 'वन हेल्थ, वन प्लैनेट, वन फ्यूचर - लीविंग नो वन बिहाइंड' (One Health, One Planet, One Future – Leaving No One Behind) पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंसान और पर्यावरण की एक दूसरे पर निर्भरता को उजागर करना है.

Highlights of 'Swasth Bharat, Sampann Bharat' Telethon

Love Matters की कंट्री हेड विथिका यादव ने भारत में यौन शिक्षा की आवश्यकता के बारे में बात की...

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा भी हुए 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन में शामिल
मणिपुर सरकार कैसे समावेशी विकास पर दे रही है जोर... बता रहे हैं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह
Aksha Centre for Equity and Wellbeing की डायरेक्टर शिरीन जेजीभॉय जुड़ीं 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन के साथ


मसाबा गुप्ता और मपेट्स ने मानसिक तनाव से निपटने के लिए एक टिप शेयर की...
'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में पद्मश्री विजेता और शहीद भगत सिंह सेवा दल के जितेंद्र सिंह शंटी ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर रखी बात...


ओलम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट, पद्म भूषण और खेल रत्न विजेता अभिनव बिंद्रा जुड़े 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन के साथ

सिंगर और एक्ट्रेस मोनाली ठाकुर 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन में प्रफॉर्मेंस

भारत ने गिद्धों की 95% आबादी खो दी है: अभिषेक चौधरी, मेंबर, One Health High Level Expert Panel
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला, 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन के साथ जुड़े

'हमने 1970 के बाद से वन्यजीव आबादी की प्रजातियों में 68% की गिरावट दर्ज की है'- रवि सिंह, महासचिव और सीईओ, WWF India
ऑस्कर विजेता प्रोड्यूसर क्रेग फोस्टर और 'My Octopus Teacher' के लिए ऑस्कर विजेता डायरेक्टर पिप्पा एर्लिच हुईं  'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में शामिल

Jane Goodall Institute की फाउंडर और प्राइमेटोलॉजिस्ट जेन गुडॉल 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में हुईं शामिल

NDTV के आलोक पांडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कैसे 'बनेगा स्वस्थ भारत' अभियान नेपाल की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के एक अविकसित जिले श्रावस्ती में बच्चों को होने वाल डायरिया से लड़ रहा है.

Hygiene Buddy Kit - स्वच्छता के महत्व के बारे में जानने का एक फनी तरीका

'The Yellow Diary' बैंड 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में यह संदेश देने के लिए प्रस्तुति दी कि कि बीमारियां भेदभाव नहीं करती, हम सभी को मिलकर COVID-19 के खिलाफ लड़ना चाहिए.

मिलिए 'Kid Tech Champs' से, जो उन 50 बच्चों में शामिल हैं, जिन्हें 50 हजार रुपए की स्कॉलरशिप स्वास्थ्य और स्वच्छता समाधानों के लिए ऐप्स विकसित करने के लिए दी जाएगी.

एनडीटीवी के राजीव मखनी ने WhiteHat Jr पहल में भाग लेने वाले बच्चों के साथ बातचीत की

'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन में विशेषज्ञ इस बारे में चर्चा की कि पर्यावरण और स्वास्थ्य कैसे परस्पर जुड़े हुए हैं?
NDTV के संकेत उपाध्याय ने काम के दौरान तनाव दूर करने के लिए कुछ भरतनाट्यम की बेसिक तकनीक सीखी...

सुचित्रा दाते, मनोवैज्ञानिक, भरतनाट्यम डांसर और सामाजिक कार्यकर्ता ने डांस थेरेपी के जरिए उपचार के बारे में बताया

अभिनेत्री अनन्या पांडे ने अपनी सोशल मीडिया पहल 'So Positive' के बारे में बताया.

एनडीटीवी के आलोक पांडे ने लखनऊ के एक स्कूल का दौरा किया और बताया कि कैसे 'बनेगा स्वस्थ इंडिया' की पहल बच्चों में हाथों की स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए काम आ रही है. 

देखें, कैसे NDTV-डेटॉल 'बनेगा स्वस्थ भारत' की तैरती डिस्पेंसरी पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में ला रही है बदलाव

UN Women और S4S Technologies के सोलर प्रोजेक्ट की कहानी.  महाराष्ट्र के जलगांव जिले में पहले खेतों में काम करने वाली या घर पर रहने वाली महिलाओं को उद्यमियों में बदला जा रहा है. 

कोविड के खिलाफ लड़ाई में बेंगलुरु की भूमिका पर बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका के मुख्य आयुक्त गौरव गुप्ता ने की बात.

पुडुचेरी की उप-राज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने बताया कि लोगों को अपने आसपास को साफ रखने की जिम्मेदारी क्यों लेनी चाहिए.
वही लोग जो कूड़ा डालते हैं पहले गंदगी करते हैं और फिर परेशान होते हैं तो सरकार की अक्षमता के बारे में शिकायत करते हैं. आप सरकार का काम क्यों बढ़ा रहे हैं? पहले आप खुद समस्या पैदा करो और फिर उसकी शिकायत करें. नालों में कूड़ा क्यों फेंकते हो? आप कूड़ेदानों का उपयोग क्यों नहीं करते?  

कोविड की वजह से लोगों में हाथों की स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ी है : Dilen Gandhi, Regional Marketing Director, South Asia, Health & Nutrition, Reckitt

भारत के लिए डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि रॉडरिको ऑफरीन का कहना है कि महामारी के दौरान भारत में हाथ धोने के बारे में जागरूकता वास्तव में बढ़ी है.
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने स्वस्थ भारत, संपन्न भारत टेलीथॉन में एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्स प्रोग्राम के बारे में बात की.


शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में हमारी आबादी में अस्वस्थ आहार की आदतों में समानांतर इजाफा हुआ है : डॉ आर हेमलता, वरिष्ठ उप निदेशक, राष्ट्रीय पोषण संस्थान, आईसीएमआर
अपोलो हॉस्पिटल्स की वाइस चेयरपर्सन डॉ प्रीता रेड्डी ने स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत टेलीथॉन में महिलाओं के कौशल और सशक्तिकरण के बारे में बात की.

मपेट्स एल्मो और चंकी ने हास्य और एक गीत के माध्यम से हेल्थ हैबिट्स के जरिए सुरक्षित रहने का मैसेज किया.



कोरोना महामारी की मार की वजह से बांसुरी वादक मुरली नारायणन को बढ़ईगीरी का काम करना शुरू कर दिया. देखें, उनकी शानदार प्रस्तुति

नीति आयोग के राष्ट्रीय पोषण और स्वास्थ्य तकनीकी बोर्ड के सदस्य डॉ राज भंडारी का कहना है कि पोषण एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

श्रवण सुब्रमण्यम, अध्यक्ष और सीईओ, जीई हेल्थकेयर, भारत और दक्षिण एशिया ने टेलीथॉन में कौशल-निर्माण के महत्व के बारे में बात की

"अपनी आदतों को बनाए रखने के लिए हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है. बहुत काम किया गया है और बहुत कुछ किया जा सकता है. आजादी के बाद से हमने जन स्वास्थ्य पर भरोसा किया है. मुझे लगता है कि अगले 75 साल सशक्त उपभोक्ताओं के लिए होने चाहिए. हमें सर्वश्रेष्ठ से सीखने की जरूरत है. हमारे पास डब्ल्यूएचओ और अन्य देशों के महान दिशानिर्देश हैं. हमें प्रौद्योगिकियों में निवेश जारी रखने की जरूरत है. हम सरकारों के साथ कौशल निर्माण और विशेष रूप से माताओं को प्रशिक्षित करने के लिए काम करते हैं ताकि वे परिवार की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को जान सकें."


विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे पोषण की कमी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं-

फ्रंटियर मार्केट्स की संस्थापक और सीईओ अजैता शाह ने कहा कि कई महिलाएं अभी भी डिजिटल समाधान, हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं जुड़ सकी हैं.

"जो कुछ पहले कहा गया था, वह आज भी ग्रामीण महिलाओं पर लागू होता है. वे डिजिटल समाधान, स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे से नहीं जुड़ सकी हैं. वे भारत में 7,500 गांवों में रहती हैं. महिलाओं के पास जितनी भी बाधाएं हैं, वो इन महिलाओं के पास भी है. ग्रामीण महिलाओं के लिए बुनियादी ढांचे की चुनौती है. राजधानी में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण यहां पहुंचना मुश्किल है. 'सहेलियों' के साथ काम करने में दिलचस्प बात यह रही कि वे बदलाव के लिए तैयार हैं. वे स्वास्थ्य चैंपियन, सामाजिक प्रभावक बन गई हैं. वे कहती रही हैं, हमें आत्म-देखभाल से निपटने का अवसर दें. हम अंतर को पाट सकते हैं. हमारी सहेलियाँ स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं. 165 मिलियन महिलाएं इस समूह का हिस्सा हैं. ये महिलाएं कह रही हैं, मुझे उपकरण दो, मेरे पास तकनीक है."

'Momspresso' की चीफ एडिटर और सीईओ पारुल ओहरी ने उन माताओं पर बात की जो खुद की देखभाल नहीं कर पा रही हैं


बैंगलोर स्कूल स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा विशेष रूप से स्कूली बच्चों और एचआईवी पीड़ित युवाओं के लिए एक खेल पहल 'Champion In Me' के बारे में जानिए - 


रवि भटनागर, निदेशक, विदेश और भागीदारी SOA, रेकिट ने महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाकों में कुपोषण से लड़ने के लिए प्रत्येक बच्चे तक पहुंच अभियान की एक पहल बारे में बताया


'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन अभियान के एम्बेसडर अमिताभ बच्चन ने अपनी नातिन नव्या नवेली की महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता की पहल के बारे में बात की


प्रिंस लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, ट्रस्टी, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन ने टेलीथॉन में इस बात पर जोर डाला कि 'किसी को पीछे नहीं छोड़ना' क्यों महत्वपूर्ण है

महात्मा गांधी इन्स्टीट्यूट ऑउ मेडिकल साइंसेज संस्थान, सेवाग्राम के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख सुबोध गुप्ता ने भी 'स्वस्थ भारत,, संपन्न भारत' टेलीथॉन के दौरान अपने विचार रखे

"सेवाग्राम मेडिकल कॉलेज 1969 में शुरू किया गया था और मेडिकल कॉलेज का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डॉक्टर तैयार करना था. सेवाग्राम में हमारी समुदाय और स्वास्थ्य सेवा समुदाय प्रणाली के साथ पिछली भागीदारी है. इन गांवों में हम ग्राम पंचायत, पोषण स्वच्छता समुदाय, महिला स्वयं सहायता समूह और कई अन्य समूहों के साथ मिलकर काम करते हैं. छात्रों के लिए, हम तीन शिविर आयोजित करते हैं. सबसे पहले जब वे मेडिकल कॉलेज में शामिल होते हैं. हमारे छात्र गांधी आश्रम में दो सप्ताह तक रहते हैं और उन्हें गांधीवादी विचारधारा की शिक्षा दी जाती है. मेडिकल छात्रों के प्रत्येक बैच के लिए हम एक गांव भी गोद लेते हैं. ये छात्र शहरी क्षेत्रों से आते हैं और कई ने अपने जीवन में गांव नहीं देखा है. इससे उन्हें ग्रामीण जीवन और उनकी जरूरतों, उनकी सांस्कृतिक प्रथाओं आदि के बारे में जानने का अवसर मिलता है. ये छात्र दो सप्ताह के बाद भी इन परिवारों के साथ रहते हैं. वे सीखते हैं कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए व्यक्तियों, परिवारों को कैसे राजी किया जाए. फिर तीसरा शिविर होता है जब छात्र अपने तीसरे वर्ष में होते हैं. हम उन्हें ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से अवगत कराते हैं. वे आशा, एएनडब्ल्यू से मिलते हैं और उनसे सीखते हैं."

ट्राइबल हेल्थ इनिशिएटिव के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ रेगी जॉर्ज ने सामुदायिक स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके और उनकी पत्नी डॉ ललिता रेगी के काम के दौरान आने वाली चुनौतियों पर बात की.

पूर्णा मालवथ से मिलिए, जिन्होंने 13 साल और 11 महीने की उम्र में माउंट एवरेस्ट फतह किया था

पद्म श्री और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता, सामाजिक कार्यकर्ता, लोक बिरादरी प्रकल्प के चिकित्सा निदेशक प्रकाश आमटे ने भी 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में अपनी बात रखी



"50 के दशक में, मेरे पिता बाबा आमटे, हालांकि वे एक जमींदार के बेटे थे और कानून की प्रैक्टिस  करते थे, उन्होंने एक कुष्ठ रोगी को देखा और वह डर गए. किसी के भी जीवन में भी एक ऐसा मोड़ आ सकता है- वह उस कुष्ठ रोगी को अपने घर ले आए. उस समय घर में कुष्ठ रोगी वर्जित थे. जब बाबा ने इसे शुरू किया और प्रचार प्राप्त किया, तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि बाबा ने सोचा कि सड़कों पर भीख मांगने वाले लोगों में विश्वास कैसे बढ़ाया जाए. इसलिए उनकी लोगों के साथ काम करने की नीति थी. विकलांग होते हुए भी लोग काम कर सकते थे. शुरुआती दिनों में सभी ने बाबा का बहिष्कार किया लेकिन 10 साल बाद बहुत सारे लोग आने लगे. आनंदवन पिकनिक स्पॉट बन गया. विकृति का निषेध था. बाबा का योगदान प्रतिबंधों को खत्म करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में था. उन्होंने खुद को कुष्ठ रोग तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि विभिन्न प्रकार के विकलांग लोगों के लिए भी काम किया."
एक स्वास्थ्य की अवधारणा को और अधिक लोकप्रिय बनाने की जरूरत है: अतुल चतुर्वेदी, सचिव, पशुपालन विभाग


'वन हेल्थ' एक अवधारणा दशकों से चली आ रही है लेकिन यह अब पकड़ में आ रहा है. एक स्वास्थ्य का संबंध जानवरों, पौधों, पर्यावरण और मानव के स्वास्थ्य से है. वर्तमान में, COVID-19 में, एक स्वास्थ्य है जिसमें हमें जानवरों और मनुष्यों दोनों के संबंध में बहुत सारे मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है. हमें जल्दी पता लगाना सुनिश्चित करना होगा. इसके लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सहयोग का लाभ उठाने की आवश्यकता है. एक स्वास्थ्य एक ऐसा मुद्दा है जो भारत सहित दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल नहीं कर रहा है.
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने जूनोटिक रोगों और 'वन हेल्थ' की अवधारणा के बारे में बात की


विशेषज्ञों के अनुसार, COVID-19 एक जूनोटिक बीमारी है- जो जानवरों से इंसानों में फैलती है. यहाँ कुछ अन्य जूनोटिक रोग दिए गए हैं-

AIIMS नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने टेलीथॉन में COVID-19 और अन्य वायरस के उद्भव के अंदरूनी पहलुओं को साझा किया
लेमन ट्री होटल्स की वाइस प्रेसिडेंट, ब्रांड, कम्युनिकेशंस एंड सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव्स, आराधना लाल ने बताया कि कैसे वे एक समावेशी हायरिंग पॉलिसी को लागू करने में कामयाब रहीं.

हमें अपने कलाकारों की मदद करने के लिए लीक से हटकर सोचने की जरूरत है: संजीव भार्गव, संस्थापक-निदेशक, सहर फेस्टिवल

"हमें देखना चाहिए कि कलाकारों को वास्तव में नुकसान हुआ है. मैं शास्त्रीय नर्तकों, संगीतकारों, चित्रकारों और अन्य लोगों की ओर से बात कर रहा हूं. दुनिया भर में केंद्र और राज्य सरकारें कारीगरों की मदद के लिए आगे आती हैं. इन कलाकारों को वास्तव में नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि ये लोग मजदूरी से लेकर दिन-प्रतिदिन, प्रदर्शन से लेकर प्रदर्शन तक जीते हैं. मैं लीक से हटकर सोचने का अनुरोध करता हूं और CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) इसका रास्ता है. जो कंपनियां इस महामारी से काफी हद तक प्रभावित नहीं हैं, उन्हें आगे आना चाहिए. सीएसआर कुंजी है. आप सीएसआर का उपयोग उनके प्रचार, प्रसार के लिए कैसे कर सकते हैं. कुछ कंपनियां इसे कर रही हैं लेकिन मैं और करने का आग्रह करूंगा. जब चीजें सामान्य हो जाएंगी और कलाकार मंच पर लौट आएंगे, तो मैं सरकार से सभी प्रदर्शन करने वाले कलाकारों से आयकर, जीएसटी को खत्म करने का अनुरोध करूंगा."

किसी को पीछे नहीं छोड़ना है: भारत में जनजातीय आबादी द्वारा सामना की जाने वाली कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं यहां दी गई हैं: 

पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की  कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में महिलाओं की आकांक्षाओं के बारे में बात की



पद्म श्री और खेल रत्न पुरस्कार विजेता और भारत की पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष,दीपा मलिक ने स्वस्थ भारत संपूर्ण भारत टेलीथॉन में अपनी बात रखी

चुनौतियां हैं लेकिन हमारा देश तेजी से बदल रहा है. तथ्य यह है कि मैं इस पैनल का हिस्सा हूं, यह दर्शाता है कि हम बहुत अच्छे बदलाव के मुहाने पर हैं. बदलाव की बात करें तो मैं पोषण, स्वास्थ्य, अवसर आदि की 'पहुंच' सुन रही हूं, लेकिन मेरे लिए पहुंच चुनौतीपूर्ण है. ऐक्सेस तब आएगा जब आप एक्सेसिबिलिटी पर ध्यान देंगे. मैं लोगों की मानसिकता में पहुंच के बारे में बात करना चाहती हूं- जहां आप विकलांगता को स्वीकार करते हैं, जहां विकलांग व्यक्ति बहिष्कृत नहीं होता है. फिर भी, डिजिटल दुनिया तक पहुंच; क्या सभी वेबसाइट, एप्लिकेशन, सॉफ्टवेयर सुलभ हैं? जिन लोगों के पास गतिशीलता की चुनौतियां हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं कर सकते हैं."

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वामपंथी-उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य पहल की बात की

किसी को पीछे नहीं छोड़ना: लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता 

ट्रांसजेंडरों द्वारा सामना किए जाने वाले कलंक के बारे में बात करते हुए त्रिपाठी ने कहा, "सामाजिक स्वीकृति होती है लेकिन कई बार यह स्वीकृति मुझे सांकेतिक लगती है. संसद ने ट्रांसजेंडर अधिनियम पारित किया है और एक ट्रांसजेंडर नीति भी है लेकिन कलंक इतना अधिक है कि आज तक सड़कों, सिग्नलों पर भीख मांगने या अपने शरीर को बेचने वाले लोगों को कलंकित किया जाता है. यहां तक ​​कि लक्ष्मी को भी बदनाम किया जाता है. समावेश का पूरा मुद्दा एक बहुत बड़ा प्रश्नचिह्न है. कभी-कभी मुझे लगता है कि हमें प्रतीकात्मक नहीं बल्कि यथार्थवादी होना है. हमें समुदाय से उद्यमियों को बनाना है, उन्हें सामाजिक-आर्थिक रूप से स्थिर बनाना है, जहां वे खुद गरिमा के साथ कमा सकें. दिल्ली में, फ्लिपकार्ट में किन्नर सेवाओं द्वारा 60 लोगों को रोजगार दिया गया था. अब फ्लिपकार्ट ने ट्रांस लोगों के लिए 500 रिक्तियां खोली हैं. हमें समान अवसर देने की जरूरत है."

'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन अभियान के एम्बेसडर अमिताभ बच्चन ने अपनी पोती आराध्या बच्चन की पहल के बारे में बात की


राजस्थान के कालबेलिया लोक नर्तकों ने भी 12 घंटे चलने वाले 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन के मंच पर अपनी प्रस्तुति दी.


भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला प्रतिनिधि सुसान फर्ग्यूसन स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत टेलीथॉन में शामिल हुईं

"मुझे लगता है कि हमने अभी जो देखा वह महिलाओं को बुनियादी ढांचे तक अधिक पहुंच प्रदान करने का एक अच्छा उदाहरण है. महिलाओं के पास अक्सर पर्याप्त अवसर नहीं होते हैं. यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र महिला उन महिलाओं का समर्थन करने के लिए कौशल कार्यक्रमों पर भी ध्यान केंद्रित करती है, जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है या किसी विशेष कार्य में डिप्लोमा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं. हमारे पास स्किलिंग का बड़ा काम है. हम उन महिला किसानों को भी देखते हैं, जो पंजीकृत नहीं हो सकती हैं, हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं और सरकारी योजनाओं तक कैसे पहुंचा सकते हैं. हम लिंग आधारित हिंसा के लिए सेवाओं में सुधार के लिए राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के साथ भी काम करते हैं. महामारी के कारण, बहुत सी महिलाएं घरेलू हिंसा का सामना कर रही हैं. महिलाओं को आर्थिक विकास में लाना बहुत जरूरी है. यदि महिलाएं पुरुषों की तरह औपचारिक क्षेत्र में हों तो भारत अतिरिक्त 700 बिलियन डॉलर की आर्थिक वृद्धि हासिल कर सकता है."

लोगों को इलाज की आवश्यकता से पहले स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भारत को ऐहतियातन स्वास्थ्य देखभाल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है: डॉ इंदिरा चक्रवर्ती, पूर्व निदेशक और All India Institute of Hygiene & Public Health की डीन


VIDEO देखें : मुंबई की झुग्गी बस्ती के बच्चों द्वारा बनाया गया बैंड, धारावी रॉक्स, ने कचरे के डिब्बे और अन्य अपशिष्ट पदार्थों से संगीत बनाकर अलग संदेश प्रस्तुत किया
इंटरनेशनल NGO PATH के कंट्री डायरेक्टर (इंडिया), नीरज जैन ने कहा- महामारी के दौरान नियमित टीकाकरण बुरी तरह प्रभावित हुआ

"जब आर्थिक दृष्टिकोण से निवेश पर वापसी की बात आती है तो टीकाकरण स्पष्ट रूप से सबसे अधिक लागत प्रभावी हस्तक्षेपों में से एक है. मुझे लगता है कि हमने पिछले कई वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया है - पांच साल से कम उम्र में होने वाली बाल मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी आई है लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. हमने नियमित टीकाकरण में रोटावायरस, न्यूमोकोकल जैसे कई नए टीके पेश किए हैं. हम दुनिया के लिए एक औषधालय रहे हैं. हमने देखा है कि महामारी के दौरान टीकाकरण पर भारी असर पड़ा है. भविष्य की पीढ़ियों के लिए, नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों के निरंतर कार्य करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है."

पद्मश्री सम्मानित मार्था चेन, जो हार्वर्ड केनेडी स्कूल में प्रोफेसर हैं, ने भी टेलीथॉन में शिरकत की

"मैं भारत के अनौपचारिक कार्यबल को स्वास्थ्य और समृद्धि के बीच एक कड़ी के रूप में देखती हूं. सभी श्रमिकों में 90 प्रतिशत यानी 415 मिलियन अनौपचारिक हैं. वे 'रोटी, कपड़ा, मकान', स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, कचरा प्रबंधन सेवाएं और बहुत कुछ प्रदान करते हैं. उनका मुख्य प्रयास उनका शारीरिक श्रम है. अगर वे बीमार पड़ जाते हैं तो उनकी कमाई तुरंत बंद हो जाती है. अगर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, तो वे अपनी बचत निकालते हैं और कर्ज में डूब जाते हैं. अनौपचारिक कार्यकर्ता दैनिक कमाई से दूर रहते हैं और उनके पास स्वास्थ्य बीमा या बीमारी के दौरान छुट्टी पर रहने पर वेतन भुगतान की सुविधा नहीं होते हैं. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आगे बढ़ने में पीछे न रहें. हमें कोविड के आर्थिक प्रभाव को इस तरह से ठीक करना है कि अनौपचारिक श्रमिकों को शामिल किया जाए."

'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन के मंच पर राजस्थान का कालबेलिया लोक नृत्य का प्रदर्शन 

कालबेलिया नृत्य जो यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है, कालबेलिया समुदाय की जीवन शैली है.
भारत में स्वास्थ्य के बारे में राजनीतिक चर्चा की कमी है: जेवीआर प्रसाद राव, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, एड्स पर संयुक्त राष्ट्र एसजी एशिया प्रशांत के पूर्व विशेष दूत

"यदि आप वर्तमान स्थिति और पिछले 75 वर्षों में हमने जो सीखा है, उसे देखें, तो सबसे बड़ी चुनौती जो अब भी हमारे सामने है, वह है स्वास्थ्य के बारे में राजनीतिक संवाद और प्रवचन. स्वास्थ्य के मामलों पर भारत सरकार के पास केवल 40 प्रतिशत और राज्यों के पास 60 प्रतिशत अधिकार हैं लेकिन स्वास्थ्य के एजेंडे के साथ कितने चुनाव लड़े गए हैं? हमारे पास 'रोटी कपड़ा मकान' के नारे आए हैं, लेकिन क्या हमने कभी 'स्वास्थ्य, शिक्षा' जैसे नारों के बारे में सोचा है? हमने सभी को जीएसटी में एक साथ आते देखा है क्योंकि वहां राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखती है. कुपोषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे जैसी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए इसकी बड़ी आवश्यकता है."

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक, सौम्या स्वामीनाथन भी टेलीथॉन के दौरान 'भारत में स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के 75 वर्ष' विषय पर आयोजित विशेष चर्चा में शामिल हुईं.

सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, "पोलियो और कुछ अन्य टीके से बचाव योग्य बीमारियों का उन्मूलन भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, जिसका श्रेय टीकाकरण कवरेज के अद्भुत विस्तार को जाता है. मुझे अभी भी याद है जब मैं एक युवा डॉक्टर थी, मैंने कई नवजात शिशुओं में टेटनस जैसी भयंकर बीमारी के कई मामले देखे थे लेकिन टीकाकरण की बदौलत मातृ और नवजात टेटनस को समाप्त कर दिया गया. चेचक और पोलियो को भी खत्म कर दिया गया. इसलिए, मैं वास्तव में इसे शीर्ष उपलब्धियों में से एक मानूंगी. दूसरी बड़ी समस्या मातृ एवं शिशु मृत्यु थी.  2000 और 2015 के दौरान बीच विशेष रूप से एमडीजी युग के दौरान, इसे समाप्त कर दिया गया. आप 75 सालों में पीछे मुड़कर देखेंगे, तो पाएंगे कि हमने मातृ मृत्यु दर के साथ-साथ बाल मृत्यु दर को भी कम करने में एक लंबा सफर तय किया है."

देखें- धारावी रॉक्स बैंड के साथ अमिताभ बच्चन की प्रस्तुति..

बैंड धारावी रॉक्स के ऊर्जावान प्रदर्शन से प्रेरित होकर अभियान के एम्बेसडर अमिताभ बच्चन मंच पर ही उनके साथ ड्रम बजाने लगे.
धारावी रॉक्स, एक ऐसा बैंड जो कचरों पर गीत-संगीत बनाता है, ने 12 घंटे के स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत टेलीथॉन में अपनी प्रस्तुति दी.
भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले और पद्म भूषण से सम्मानित डॉ श्रीनाथ रेड्डी, प्रेसिडेंट पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया 

"हमें इस सच्चाई के साथ जीना होगा कि वायरस हमारे साथ रहने वाला है, मुझे नहीं लगता कि यह कभी खत्म हो पाएगा. हम बस यही उम्मीद कर सकते हैं कि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण किया जाए ताकि वे गंभीर रूप से बीमार न हों. यह इम्यूनाइजेशन बढ़ाकर और मास्किंग जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों द्वारा किया जा सकता है. अगर हम यह सब करते हैं, तो वायरस का फैलाव कम हो जाएगा. कई वायरस ने मानव समुदाय को अपनाने और उसके साथ सह-अस्तित्व बनाने के लिए अपने व्यवहार को बदलने पर मजबूर कर दिया है. हमारा व्यवहार ही उसके व्यवहार को निर्धारित करता है. हमें लापरवाह नहीं होना चाहिए और न ही यह उम्मीद करनी चाहिए कि वायरस हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. सभी को दो खुराक वैक्सीन मिलनी चाहिए लेकिन अगर हमारे पास अभी वह सुविधा नहीं है, तो हमें कमजोर आबादी की रक्षा करनी चाहिए. और ज्यादा से ज्यादा लोगों को एक खुराक दें लेकिन जैसे ही हमारे पास टीके बहुतायत में होते हैं, हमें दूसरी खुराक लेनी चाहिए. वायरस के वेरिएंट विकसित हो सकते हैं और वापस कहर बरपा सकते हैं."

जुनैद अहमद, वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर भी 'स्वस्थ भारत, संपूर्ण भारत' टेलीथॉन में शामिल हुए

मुझे लगता है कि दुनिया और भारत ने यह खोज लिया है कि हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य पर वापस ध्यान देना चाहिए. हमने अब पाया है कि जब तक हम सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवारक उपायों में नहीं जाते, राष्ट्र सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार नहीं कर पाएंगे. आप सार्वजनिक स्वास्थ्य की पुनः खोज और पुनर्कल्पना कैसे करते हैं? उदाहरण के लिए, भारत में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य कार्यकर्ता - आशा और आंगनवाड़ी हैं. वे भारत के भविष्य हैं. पोषण अभियान - दुनिया का सबसे बड़ा पोषण कार्यक्रम तभी काम कर सकता है जब समुदायों के बीच समन्वय हो. क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए? मेरे लिए, कोविड से जो कहानी निकली, वह यह है कि भारत को टियर 3 - पंचायत स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को मजबूत करने की आवश्यकता है.

वैक्सीन के प्रति लोगों में उत्साह बना रहना चाहिए: डॉ एनके अरोड़ा,  राष्ट्रीय टीकाकरण पर तकनीकी सलाहकार समूह के प्रमुख

क्या हम दिसंबर के अंत तक 185 करोड़ लोगों को टीका लगाने के अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे? इस सवाल पर डॉ. अरोड़ा ने कहा, "मैं कहना चाहूंगा कि अभी हम 90 करोड़ पर हैं. जहां तक ​​टीकों की उपलब्धता का सवाल है, इसे सुलझा लिया गया है. वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. छह महीने में हमने देखा है कि हम एक दिन में 1-2 करोड़ वैक्सीन खुराक दे सकते हैं. लेकिन अभी भी गैर टीकाकृत लोगों का समूह है. वहाँ शायद लोगों का एक समूह है, मोहल्ला है, जो टीका लेने से इनकार करते हैं. वे एक रिजरवायर बना सकते हैं और फिर से वायरस फैला सकते हैं."

भारत को अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के स्तर पर काम करने की जरूरत है: नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री


Nitin Gadkari, Minister of Road Transport and Highways joins the 12-hour #SwasthBharat, Sampann Bharat Telethon for a session on '75 years of #health, #nutrition and #hygiene in India'

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- Banega Swasth India (@banegaswasthind) October 3, 2021
हम बुनियादी स्वच्छता आदतों को बनाए रखेंगे जो पिछले वर्षों में बनी हैं: गौरव जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष- दक्षिण एशिया, रेकिट

गौरव जैन ने कहा, "शायद यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है - स्वास्थ्य और स्वच्छता. मुझे लगता है कि अच्छी स्वच्छता के प्रति पूरा व्यवहार बदल गया है, हमने इसे ट्रैक किया और देखा. घर के आसपास बुनियादी स्वच्छता की आदतों और स्वच्छता में सुधार हुआ है. WHO और हर कोई इस पर ध्यान दे रहा है. 40 फीसदी डायरिया स्वच्छता की कमी के कारण होता है. यह हमारा काम हो सकता है कि अगले 2-3 वर्षों में बुनियादी स्वच्छता की आदतों को बनाए रखें जो कि निर्मित हुई हैं."

टेलीथॉन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 'भारत में स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के 75 वर्ष' पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की

 
स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था की नींव है: लक्ष्मण नरसिम्हन, सीईओ, रेकिट

जैसा कि हम देश और दुनिया को देख रहे हैं, कोविड ने हमें जो सिखाया, वह यह है कि हम सभी समस्या में नहीं बल्कि समाधान से भी जुड़े हुए हैं. प्रौद्योगिकी सीमाओं से परे चली गई है. हमें सोचना होगा कि हम एक दूसरे से कैसे जुड़े हैं. अगर हम दुनिया का टीकाकरण नहीं करेंगे तो हम इस चक्र से बाहर नहीं निकल पाएंगे. स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था की नींव है. स्वास्थ्य स्वच्छता से जुड़ा है. इस साल हम जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उसका दिल हम सभी को कैसे साथ ला सकते हैं.

स्वास्थ्य वह मूलभूत कारक है जिस पर हमें फोकस करना चाहिए: डॉ प्रणय रॉय

डॉ प्रणय रॉय ने कहा कि समाज में इस अहसास की कमी है कि हम एक ग्रह हैं और हम किसी को पीछे नहीं छोड़ सकते. COVID-19 ने एक बड़ा सबक सिखाया है कि हम एक ग्रह पर रहते हैं.  दुनिया अब कोई सीमा नहीं जानती. हम सभी के लिए, यह एक सबक है कि यह एक ही दुनिया है, एक ही ग्रह है और सभी की मदद करना सभी के हित में है.



अभियान के एम्बेसडर अमिताभ बच्चन ने कहा कि कोरोना वायरस संकट से हमने जो सबसे बड़ा सबक सीखा वह यह है कि स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है जिसे हम बचा सकते हैं और एक दूसरे को दे सकते हैं.
 
टेलीथॉन में अमिताभ बच्चन ने कहा कि सभी मानव प्राणी का स्वास्थ्य ही किसी समृद्ध राष्ट्र की कुंजी है.

अभियान की शुरुआत करते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा कि पिछले 8 वर्षों से NDTV और रेकिट के साथ, हम साफ-सफाई और स्वच्छता, और स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमने इस अभियान की शुरुआत इस बात से की थी कि एक स्वच्छ राष्ट्र, एक महत्वपूर्ण लक्ष्य क्यों था, और अब हम इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि एक स्वस्थ भविष्य इस नींव पर क्यों निर्भर है?

दो साल पहले, जो दुनिया के एक छोटे से हिस्से में सांस की बीमारी के रूप में शुरू हुआ था, आज एक वैश्विक महामारी का कारण बन गया है. हमारी दुनिया हमेशा के लिए पूरी तरह से बदल गई है, यह वही दुनिया नहीं है जिसे हम अब जानते हैं. कहावत तो सभी जानते हैं - स्वास्थ्य ही धन है.

हम एक राष्ट्र के रूप में तभी आगे बढ़ सकते हैं जब सभी को साफ-सफाई और स्वच्छता, पोषण, प्रौद्योगिकी, स्वच्छ पर्यावरण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच प्राप्त हो. हमें एक-दूसरे की मदद करनी होगी, खासकर सबसे कमजोर समुदायों की. हमें एलजीबीटीक्यू समुदाय, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं, बच्चों और आदिवासी आबादी को एक साथ लाने की जरूरत है. हम किसी को पीछे नहीं छोड़ सकते. यह सतत विकास का लक्ष्य है, जिसे हम 2030 तक हासिल करना चाहते हैं.

'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' अभियान के एम्बेसडर अमिताभ बच्चन के साथ मंच पर NDTV के डॉ. प्रणय रॉय और एंकर संकेत उपाध्याय चर्चा करते हुए.

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने  'बनेगा स्वस्थ इंडिया' के आठवें सीजन के तहत NDTV पर चलने वाले 12 घंटे का 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन की शुरुआत की. महान अभिनेता अमिताभ बच्चन सितंबर 2014 में पहली बार शुरू हुए एनडीटीवी-डेटॉल 'बनेगा स्वस्थ इंडिया' अभियान का समर्थन करते रहे हैं.

'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' अभियान के एम्बेसडर अमिताभ बच्चन कार्यक्रम के मंच पर आ चुके हैं. अब थोड़ी ही देर बाद सिर्फ NDTV पर सुबह 9 बजे टेलीथॉन की शुरुआत होगी.  इस लिंक पर क्लिक कर इसे LIVE देख सकते हैं. https://ndtv.in/livetv-ndtvindia


एक झलक 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन के पर्दे के पीछे देखें.. कैसे हो रही अंतिम तैयारी.. सुबह 9 बजे शुरू होगा कार्यक्रम.

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन  के साथ 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन  शुरू होने में अब आधे घंटे से भी कम समय रह गया है. इस लिंक पर क्लिक कर इसे LIVE देख सकते हैं. https://ndtv.in/livetv-ndtvindia

स्वस्थ भारत, संपन्न भारत टेलीथॉन के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है. अमिताभ बच्चन के साथ थोड़ी ही देर में इसका आगाज होने वाला है. अभियान के सीजन 8 का उद्देश्य 'वन हेल्थ, वन प्लैनेट, वन फ्यूचर - लीविंग नो वन बिहाइंड'  है.
थोड़ी ही देर बाद अमिताभ बच्चन के साथ देखें 'स्वस्थ भारत, संपन्न भारत' टेलीथॉन

'स्वस्थ भारत सम्पन्न भारत' टेलीथॉन: 3 अक्टूबर को सुबह 9 बजे (IST) NDTV पर इस अभियान के एंबेस्डर अमिताभ बच्चन से जुड़ें.

'किसी को भी पीछे न छोड़ें' की प्रतिबद्धता भी सतत विकास एजेंडा- 2030 का एक मुख्य सिद्धांत है और सतत विकास लक्ष्यों (SDG) का एक घटक भी है.

इस वर्ष, इस अभियान की प्रतिबद्धता भारत में हर किसी के स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए है - विशेष रूप से कमजोर समुदायों - एलजीबीटीक्यू आबादी,  भारत की विभिन्न जनजातियां, जातीय और भाषाई अल्पसंख्यक, दिव्यांगजन, प्रवासी, भौगोलिक दृष्टि से दूरस्थ क्षेत्रों की आबादी, लिंग और यौन अल्पसंख्यक.
बनेगा स्वस्थ भारत अभियान के सीजन 8 का उद्देश्य इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करना है कि एक देश के रूप में हम अपनी सबसे कमजोर आबादी को एक समान स्वस्थ कैसे रख सकते हैं.
अमिताभ बच्चन ने रेखांकित किया अभियान का एजेंडा
अभियान के  एंबेसडर अमिताभ बच्चन ने सीजन 8 के एजेंडे को रेखांकित करते हुए कहा, "पिछले 8 वर्षों में, NDTV और रेकिट (Reckitt) के साथ, हम स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमने इसकी शुरुआत 'स्वच्छ राष्ट्र एक महत्वपूर्ण लक्ष्य क्यों था' से की थी, और अब हम इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि एक स्वस्थ भविष्य इस आधार पर क्यों निर्भर है."
क्या है 'One Health, One Planet, One Future'? बता रहे हैं NDTV के संकेत उपाध्याय
बनेगा स्वच्छ भारत पहल सीजन-8 का उद्देश्य
बनेगा स्वच्छ भारत पहल का आठवां सीजन भारत में विशेष रूप से कमजोर समुदायों की देखभाल और सभी के स्वास्थ्य पर विचार करने की आवश्यकता पर जोर देता है.

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