मध्य प्रदेश के एक हैंडपंप से पानी की जगह निकलती थी शराब, छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा

मध्यप्रदेश के गुना जिले के भानपुरा गांव में पुलिस ने एक ऐसे अवैध शराब के ठिकाने का भंडाफोड़ किया है, जहां शराब निकालने के लिए हैंडपंप का इस्तेमाल किया जाता है और पुलिस ने वहां जमीन में गड़े ड्रमों से हैंडपंप के जरिए निकलने वाली शराब भी भारी मात्रा में जब्त की.

मध्यप्रदेश के गुना जिले के भानपुरा गांव में पुलिस ने एक ऐसे अवैध शराब के ठिकाने का भंडाफोड़ किया है, जहां शराब निकालने के लिए हैंडपंप का इस्तेमाल किया जाता है और पुलिस ने वहां जमीन में गड़े ड्रमों से हैंडपंप के जरिए निकलने वाली शराब भी भारी मात्रा में जब्त की. पुलिस ने सोमवार को गांव में छापा मारा और तलाशी के दौरान उन्हें कच्ची शराब से भरे कुल आठ ड्रम मिले, जो जमीन में दबे हुए थे या खेतों में चारे के नीचे छिपाये गये थे. चांचौड़ा पुलिस थाना प्रभारी रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि दबिश के दौरान शराब के ड्रम जमीन में गड़े मिले. वहीं एक छोटा हैंडपंप कुछ दूरी पर पड़ा मिला. इसी हैंडपंप से जमीन में गड़े ड्रम से आरोपी शराब निकालते रहे हैं.

उन्होंने बताया कि उन्हें छोटी थैलियों में भरकर बेचते हैं और एक छोटी थैली की कीमत लगभग 40 रुपये की होती है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 5-5 लीटर की केन में भी शराब भरकर भेजी जाती है. गुप्ता ने बताया कि जमीन में गड़े हुए ड्रमों से शराब निकालने के लिए इन आरोपियों द्वारा हैंडपंप का ही इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसमें नीचे 8-10 फुट का पाइप जुड़ा होता है. उन्होंने बताया कि पाइप को जमीन के अंदर गड़े हुए ड्रम में लगा देते हैं और वहीं दूसरे पाइप को बाहर रखे छोटे ड्रम में लगाकर शराब उसमें भर देते हैं. उन्होंने कहा कि पानी निकालने वाले हैंडपंप की तरह ही यह काम करता है.

गुप्ता ने बताया कि शराब बनाने वाले इतने शातिर हैं कि उन्होंने शराब से भरे ड्रमों को जमीन में सात फुट तक गड्ढा खोदकर गाड़ दिया था और हैंडपम्प के जरिये वह इन ड्रमों में से शराब निकालते और थैलियों में भरकर बेच देते थे. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, भूसे के ढेर में भी कुछ ड्रम गाड़ रखे थे और रोजाना लगभग एक हजार लीटर कच्ची शराब बेची जा रही है. गुप्ता ने बताया कि पुलिस की दबिश के दौरान शराब तो हाथ लग गयी, लेकिन आरोपी भाग गए. पुलिस ने आठ आरोपियों की पहचान कर ली है, साथ ही 8 मामले भी दो थानों में दर्ज कर लिए हैं.

उन्होंने कहा कि चांचौड़ा इलाके के इस भानपुरा गांव में अधिकतर कंजर समुदाय के लोग रहते हैं और ये ऐसा गांव है, जिसके बारे में माना जाता है कि यहां लगभग हर परिवार कच्ची शराब बनाने का काम करता है. उन्होंने कहा कि जगह-जगह उन्होंने कच्ची शराब बनाने के लिए उपकरण लगाए हुए हैं और इनका मुख्य धंधा कच्ची शराब बनाने का ही है.

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