पटना:
आमतौर पर अपना आपा नहीं खोने के लिए मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सोमवार को आपे से बाहर हो गए, जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि अपराध की हालिया घटनाओं में क्यों उनकी सरकार से जुड़े ताकतवर राजनेताओं के नाम जुड़ रहे हैं।
पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो चुकीं उनकी पार्टी की महिला नेता मनोरमा देवी का ज़िक्र कर जब मैंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से सवाल किया, उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, "आप मुझे बता दीजिए, मनोरमा देवी कहां हैं... मैं आपको इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर बना दूंगा..."
मनोरमा देवी पर शराबबंदी के उल्लंघन का केस बना...
पिछले सप्ताह मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव को राज्य के गया शहर में 12वीं कक्षा के एक छात्र की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 24-वर्षीय रॉकी यह बर्दाश्त नहीं कर पाया था कि छात्र आदित्य सचदेवा ने उसे ओवरटेक कर लिया था। हालांकि रॉकी को ढूंढने में पुलिस को दो दिन का वक्त लगा, और उसे उसी के परिवार की मिल्कियत फैक्टरी से पकड़ा गया, लेकिन उस वक्त भी उसकी मां मनोरमा देवी पर रॉकी की मदद करने का आरोप नहीं लगाया गया, बल्कि उन पर इसलिए केस किया गया, क्योंकि उनके घर से शराब बरामद हुई। बिहार में पूर्ण शराबबंदी है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विपक्ष के इस आरोप के बारे में कहा गया कि प्रशासन का सारा ध्यान शराब की बिक्री रोकना सुनिश्चित करने पर होने की वजह से कानून एवं व्यवस्था बिगड़ गई है, मुख्यमंत्री ने कहा, "मेरे दिमाग में शराबबंदी को लेकर कोई जुनून नहीं है... बिहार में पूरी तरह जंगलराज नहीं है..."
पिछले सप्ताह ही हुई थी वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या
पिछले सप्ताह शुक्रवार को राज्य के सीवान में वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हिन्दी दैनिक 'हिन्दुस्तान' के ब्यूरो प्रमुख राजदेव रंजन अपनी मोटरसाइकिल पर कहीं जा रहे थे, जब कुछ लोगों ने उन्हें पांच गोलियां मारीं। 46-वर्षीय राजदेव रंजन अपराधी मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ जमकर लिखते रहे हैं, जो वर्ष 2005 से कई हत्याओं के लिए जेल में ही बंद है। मोहम्मद शहाबुद्दीन के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू यादव से भी करीबी संबंध हैं, और इस वक्त बिहार की सरकार में आरजेडी भी शामिल है। वैसे, लालू के शासनकाल में ही 'जंगलराज' शब्द बिहार के हालात को बया करने के लिए सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने लगा था।
पुलिस ने उपेंद्र सिंह नामक एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसे मोहम्मद शहाबुद्दीन का दायां हाथ माना जाता है, लेकिन उस पर शराबबंदी के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि पत्रकार की मौत की जांच राजदेव रंजन के परिवार के अनुरोध के बाद सीबीआई से करवाई जाएगी।
इन रिपोर्टों कि राजदेव रंजन का नाम उन 'टारगेटों' में शामिल था, जो शहाबुद्दीन ने जेल से भेजे थे, पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी पीके ठाकुर ने कहा, "दिसंबर, 2014 में सूचना मिली थी, अपुष्ट, कि एक लिस्ट सीवान जेल से बाहर भेजी गई है, जहां दो लोग पहले ही मारे जा चुके हैं, और एक और को निशाना बनाया जा रहा है... लेकिन 23 नामों वाली कोई लिस्ट (जैसा राजदेव रंजन की हत्या के बाद आरोप लगाया गया) हमें उपलब्ध नहीं करवाई गई..."
पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो चुकीं उनकी पार्टी की महिला नेता मनोरमा देवी का ज़िक्र कर जब मैंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से सवाल किया, उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, "आप मुझे बता दीजिए, मनोरमा देवी कहां हैं... मैं आपको इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर बना दूंगा..."
मनोरमा देवी पर शराबबंदी के उल्लंघन का केस बना...
पिछले सप्ताह मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव को राज्य के गया शहर में 12वीं कक्षा के एक छात्र की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 24-वर्षीय रॉकी यह बर्दाश्त नहीं कर पाया था कि छात्र आदित्य सचदेवा ने उसे ओवरटेक कर लिया था। हालांकि रॉकी को ढूंढने में पुलिस को दो दिन का वक्त लगा, और उसे उसी के परिवार की मिल्कियत फैक्टरी से पकड़ा गया, लेकिन उस वक्त भी उसकी मां मनोरमा देवी पर रॉकी की मदद करने का आरोप नहीं लगाया गया, बल्कि उन पर इसलिए केस किया गया, क्योंकि उनके घर से शराब बरामद हुई। बिहार में पूर्ण शराबबंदी है।
मनोरमा देवी
पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विपक्ष के इस आरोप के बारे में कहा गया कि प्रशासन का सारा ध्यान शराब की बिक्री रोकना सुनिश्चित करने पर होने की वजह से कानून एवं व्यवस्था बिगड़ गई है, मुख्यमंत्री ने कहा, "मेरे दिमाग में शराबबंदी को लेकर कोई जुनून नहीं है... बिहार में पूरी तरह जंगलराज नहीं है..."
रॉकी यादव
पिछले सप्ताह ही हुई थी वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या
पिछले सप्ताह शुक्रवार को राज्य के सीवान में वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हिन्दी दैनिक 'हिन्दुस्तान' के ब्यूरो प्रमुख राजदेव रंजन अपनी मोटरसाइकिल पर कहीं जा रहे थे, जब कुछ लोगों ने उन्हें पांच गोलियां मारीं। 46-वर्षीय राजदेव रंजन अपराधी मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ जमकर लिखते रहे हैं, जो वर्ष 2005 से कई हत्याओं के लिए जेल में ही बंद है। मोहम्मद शहाबुद्दीन के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू यादव से भी करीबी संबंध हैं, और इस वक्त बिहार की सरकार में आरजेडी भी शामिल है। वैसे, लालू के शासनकाल में ही 'जंगलराज' शब्द बिहार के हालात को बया करने के लिए सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने लगा था।
पुलिस ने उपेंद्र सिंह नामक एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसे मोहम्मद शहाबुद्दीन का दायां हाथ माना जाता है, लेकिन उस पर शराबबंदी के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि पत्रकार की मौत की जांच राजदेव रंजन के परिवार के अनुरोध के बाद सीबीआई से करवाई जाएगी।
इन रिपोर्टों कि राजदेव रंजन का नाम उन 'टारगेटों' में शामिल था, जो शहाबुद्दीन ने जेल से भेजे थे, पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी पीके ठाकुर ने कहा, "दिसंबर, 2014 में सूचना मिली थी, अपुष्ट, कि एक लिस्ट सीवान जेल से बाहर भेजी गई है, जहां दो लोग पहले ही मारे जा चुके हैं, और एक और को निशाना बनाया जा रहा है... लेकिन 23 नामों वाली कोई लिस्ट (जैसा राजदेव रंजन की हत्या के बाद आरोप लगाया गया) हमें उपलब्ध नहीं करवाई गई..."
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