विज्ञापन
This Article is From Jan 22, 2023

झारखंड : शिकारियों से घिरने के बाद घने जंगल में भागा तेंदुआ, मध्य प्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व से मांगी गयी मदद

विशेषज्ञ शिकारी खान ने बताया, ‘‘मेरे पास वन विभाग का आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का आदेश है. यदि उसे पकड़ने के दौरान जान का खतरा पैदा होता है, तभी उसे गोली मार सकते हैं."

झारखंड : शिकारियों से घिरने के बाद घने जंगल में भागा तेंदुआ, मध्य प्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व से मांगी गयी मदद
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
गढ़वा (झारखंड):

झारखंड के गढ़वा जिले में तीन बच्चों को अपना शिकार बना चुके आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का पिछले 20 दिनों से जारी प्रयास अभी तक कारगर सिद्ध नहीं हुआ है. वहीं आदमखोर जानवर को पकड़ने के लिए विशेष रूप से हैदराबाद से बुलाए गए शिकारी नवाब शफत अली खान का दावा है कि उनकी टीम के शिकारियों के दबाव में आदमखोर तेंदुआ मानवीय बस्ती से दूर घने जंगलों में दुबक गया है, जिसके चलते उसे अब तक नहीं पकड़ा जा सका है.

वन विभाग ने अब तक तीन बच्चों और कई पालतू पशुओं का शिकार कर चुके इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए हैदराबाद से खान और उनकी टीम को बुलाया है, जो 20 दिनों ये उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है.

खान ने ‘पीटीआई भाषा' को बताया कि उनकी टीम पिछले बीस दिनों से लगातार आदमखोर तेंदुए का पीछा कर रही है जिसके दबाव के चलते ही वह करीब तीन सप्ताह से किसी इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सका है.

उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि जब से उनकी टीम इलाके में आयी है उसने कम से कम आधा दर्जन बार इस आदमखोर तेंदुए को देखा है लेकिन वह कभी भी अस्सी मीटर से कम दूरी पर उनकी टीम के पास नहीं फटका और एक तेंदुए को बेहोश करने के लिए आदर्श दूरी तीस मीटर की ही होती है.

विशेषज्ञ शिकारी खान ने बताया, ‘‘मेरे पास वन विभाग का आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का आदेश है. यदि उसे पकड़ने के दौरान जान का खतरा पैदा होता है, तभी उसे गोली मार सकते हैं. ऐसे में उसका टीम के निकट (बेहोश करने के दायरे) आना आवश्यक है. लेकिन उनकी टीम के पीछा करने और ग्रामीणों के शोरशराबे के चलते तेंदुआ पिछले कई दिनों से घने जंगल में चला गया है और उनकी टीम को नजर नहीं आ रहा है.''

नयी परिस्थितियों में वन विभाग ने इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अब आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए मध्यप्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व से मदद मांगी है, जिसकी टीम अगले 48 घंटों में यहां पहुंचेगी. संजय टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के सिंगरौली, सिद्धि और ओरिया सीमा से लगा हुआ है.

तेंदुए ने जिस इलाके में लोगों को शिकार बनाया है उस इलाके के निकटवर्ती पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक सह क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) कुमार आशुतोष ने पीटीआई/भाषा को बताया, ‘‘संजय टाइगर रिजर्व की टीम ने हाल में ही अपने यहां तीन तेंदुओं को बचाया है. वहां के फिल्ड डायरेक्टर से इस संबंध में बात हुई है. उन्होंने टीम उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.''

उन्होंने बताया कि 28 दिसंबर के बाद से तेंदुए के हमले में किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है. 14 दिसंबर को भंडरिया प्रखंड के रोदो और 19 दिसंबर को सेवाडीह में बच्चों को तेंदुए ने अपना निशाना बनाया था. 

यह भी पढ़ें -
-- केंद्र ने पीएम को लेकर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को साझा करने वाले ट्वीट्स को ब्लॉक करने का दिया आदेश - सूत्र
-- ध्रुव तारा की तरह मार्गदर्शन करती है हमारे संविधान की मूल संरचना : CJI डीवाई चंद्रचूड़

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com