समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर विचार भेजने की समय सीमा दो दिन में खत्म होने वाली है, लेकिन इससे पहले विधि आयोग को करीब 46 लाख प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में कुछ खास संगठनों और लोगों को आयोग द्वारा व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आमंत्रित किये जाने की भी संभावना है. इनमें से कुछ आमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं.
आयोग ने राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील मुद्दे पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित सभी हितधारकों के विचार आमंत्रित करते हुए 14 जून को समान नागरिक संहिता पर एक न विमर्श-प्रक्रिया शुरू की थी.
इससे पहले, 21वें विधि आयोग ने मुद्दे की पड़ताल की थी और सभी हितधारकों से दो मौकों पर विचार मांगे थे. उसका कार्यकाल अगस्त 2018 में समाप्त हो गया. इसके बाद, अगस्त 2018 में ‘परिवार कानून में सुधार' पर एक परामर्श पत्र जारी किया गया था.
विधि आयोग ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा था, "चूंकि उक्त परामर्श पत्र को जारी किये तीन साल से अधिक समय बीत गया है, ऐसे में विषय की प्रासंगिकता एवं महत्व को ध्यान में रखते हुए तथा विषय पर विभिन्न अदालती आदेशों पर गौर करते हुए 22वें विधि आयोग का यह मानना है कि मुद्दे पर नये सिरे से विचार करना जरूरी है."
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